scriptघुघरी के बाजार वार्ड में प्राकृतिक झिरिया लोगों को दिला रही बीमारियों से राहत | In the market ward of Ghughri, natural Jhiria is giving relief from di | Patrika News

घुघरी के बाजार वार्ड में प्राकृतिक झिरिया लोगों को दिला रही बीमारियों से राहत

locationमंडलाPublished: Oct 22, 2021 09:02:49 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

चट्टान के नीचे से साल भर निकलता है निर्मल जल

घुघरी के बाजार वार्ड में प्राकृतिक झिरिया लोगों को दिला रही बीमारियों से राहत

घुघरी के बाजार वार्ड में प्राकृतिक झिरिया लोगों को दिला रही बीमारियों से राहत

घुघरी के बाजार वार्ड में प्राकृतिक झिरिया लोगों को दिला रही बीमारियों से राहत
मंडला। आदिवासी बाहुल्य जिले में जल, जंगल, जमीन समेत प्राचीन और प्राकृतिक धरोहरों का भंडार है। वहीं अमरकंटक से उद्गम नर्मदा नदी की अबिरल धारा मंडला जिले को तीन ओर से घेरे हुए आगे बढ़ी है। क्षेत्र में नर्मदा नदी के अनेक मनोहारी द़श्य और झरने है। वहीं क्षेत्र के अनेक क्षेत्रों में पहाड़ी और चट्टानी इलाकों में छोटे झरने और झिरिया भी है। जिनका पानी स्वच्छ और निर्मल है। इस निर्मल जल का उपयोग लोग साल भर अपनी प्यास बुझाने में करते है। ऐसा ही एक प्राकृतिक झिरिया जिले के घुघरी ब्लाक क्षेत्र में स्थित है। जहां अनवरत अविरल 12 महिने निर्मल जल निकलता है। जिसे देखने लोग दूर-दूर से आते है। इसके जल से गैस समेत अन्य बीमारियों में भी राहत मिलती है।
जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर विकासखंड घुघरी के बाजार वार्ड में वर्षो पुरानी एक झिरिया है। क्षेत्र के बुुजूर्ग बताते है कि यह प्राकृतिक झिरिया हजारों वर्ष पुरानी है। यहां साल के 12 महिने निर्मल जल जमीन की चट्टान से अनवरत निकलता रहता है। इस झिरिया के पानी का उपयोग क्षेत्र के लोग साल भर अपनी प्यास बुझाने और निस्तार के उपयोग में करते है। इस झिरिया को दूर-दूर से लोग देखने पहुंते है। इस झिरिया का जल इतना स्वच्छ दिखता है कि व्यक्ति अपने स्वरूप को इस जल में स्पष्ट देख सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका पानी पाचक है।
बता दे कि जमीन की चट्टानों से निकलने वाले निर्मल जल और झिरिया के प्रबंधन के लिए स्थानीय पंचायत द्वारा झिरिया के आसपास पहले ही पक्का निर्माण कर सुरक्षित कर दिया था और इसके पानी को सीधे यहां से गुजने वाली बुढऩेर नदी में मिला दिया गया है। जिससे झिरिया का पानी सीधे बुढऩेर नदी में जाकर मिलता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन यहां सौंदर्यीकरण करा दे तो यहां विकास होगा और पर्यटक भी इस स्थल को देखने पहुंचेगे।
अनेक बीमारियों में मिलता है आराम :
घुघरी मुख्यालय में प्राकृतिक की अनमोल भेंट लोगों की प्यास बुझाने के साथ अनेक बीमारियों में भी काम आता है। क्षेत्र के बुजूर्ग बताते है कि इस झिरिया के पानी का उपयोग करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के साथ गैस, पेट की समस्या समेत अन्य गंभीर रोग में फायदा मिलता है। जिसके कारण इस झिरिया के पानी के लिए लोग दूर-दूर से आते है।
झिरिया में रखते है सफाई:
बाजार वार्ड में स्थित झिरिया के अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए यहां के क्षेत्रीय जन झिरिया के आसपास और झिरिया की सफाई करते है। जिससे इसका पानी साफ और स्वच्छ रह सके। इस पानी का उपयोग स्थानीय लोग अपने दैनिक उपयोग में करते है। जिसके कारण यहां के लोग अपनी जिम्मेदारी के साथ इस धरोहर को सजोकर रखे है।
झिरिया के जीर्णोद्धार की मांग :
जिले भर में अनेक प्राकृतिक झरने और स्थान है। जिनका जीर्णोद्धार कर दिया जाए तो यहां पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। क्योंकि साल भर जिले में हजारों लोग पर्यटन के लिए जिले में प्रवेश करते है। यदि जिले के गुमनाम धरोहरों का जीर्णोद्धार कर दिया जाए तो यहां की सौंदर्यता और बढ़ जाएगी। जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और शासन के राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी।
इनका कहना है

हमारे बुजुर्ग बताते हैं कि यह झिरिया हजारों वर्ष पुराना है, जिसका पानी बहुत ही स्वच्छ और निर्मल है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार बीमारियों में भी किया जाता है यह प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भूत उद्गम स्थल है जो चट्टानों के नीचे से निर्मल जल को लोगों के लिए समर्पित कर रहा है।
राम कुमार झारिया, बाजार वार्ड घुघरी
यहां चट्टानों के नीचे से साल भर निर्मल जल अनवरत निकलता है। इस पानी का उपयोग क्षेत्र के लोग साल भर अपने दैनिक उपयोग में करते है। गर्मी के दिनों में भी यहां पानी निकलता रहता है। जिसके कारण क्षेत्र के लोगों को पानी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
रामकली प्रजापति, घुघरी
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