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शेष 44 जिलों में भी सरकार दे अनुसूचित जनजाति की मान्यता

locationमंडलाPublished: Aug 20, 2019 11:01:57 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

पनिका समाज के रक्षाबंधन मिलन सभा में बनी रणनीति

In the remaining 44 districts, the government should give recognition to the Scheduled Tribes

शेष 44 जिलों में भी सरकार दे अनुसूचित जनजाति की मान्यता

मंडला. शांति सद्भावना मंच एवं पनिका समाज के संयुक्त तत्वावधान में राखी मिलन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें एक दूसरे को रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते समाज के सतत बढ़ते रहने सामाजिक कार्य करते रहने की कामना की गई। आगे यह भी बताया गया है कि अन्य पिछड़े समाज के साथ-साथ पनिका समाज की भावी पीढ़ी को भी सुयोग्य और संस्कारवान बनाने कारगर कदम उठाये जाने सामाजिक-आर्थिक गतिविधियां चलाए जाने पर गहन विचार किया गया। इस कार्य को गति प्रदान करने भी निर्णय लिया गया है कि निकट भविष्य में जिले के प्राय सभी विकास खंड स्तर और पनिका जाति बाहुल्य ग्रामों में कबीर साहब के वाणी वचनों के प्रचार-प्रसार और उनके अनुसरण किए जाने के लिए कबीर पंथ से संबंधित आध्यात्म प्रवचन, संस्कार ज्ञान केंदर्् स्थापना एवं कबीर वाणी वचन सभा इत्यादि के आयोजन किए जाएंग।
से पीडी खैरवार ने बताया गया कि समाज की भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का भरपूर प्रयास किया जाएगा। समाज की दयनीय से दयनीय होते जा रही आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर चिंतन करते हुए यह भी निर्णय लिया गया है, कि इससे उबरने के लिए अब सतत प्रयास किया जाएगा, कि मध्य प्रदेश में जिस तरह अन्य 8 जिलों में इस जाति को सरकार ने अनुसूचित जनजाति की मान्यता दशकों पूर्व देकर आरक्षण का लाभ दिया हुआ है, मध्यप्रदेश के शेष अन्य जिलों में भी इसी तरह लाभ दिया जाए। यह भी बताया गया है कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में इस जाति का रहन, सहन, रीति-रिवाज, खान-पान, वेश भूषा एक समान है। लेकिन अलग-अलग केटेगरी में आने के कारण अब आपस में रिश्तेदारी आदि निभाने या नयी रिश्तेदारी बनाने में तरह तरह के विवाद पनपते जा रहे हैं। सैकड़ों साल पुरानी रिश्तेदारी और पारिवारिक संबंधों में भी दरारें बढ़ती जा रही हैं।रोटी बेटी के संबंध बनाने के पीछे भी मुशीबतें बढ़ती जा रही हैं। मंडला-डिंडौरी जैसे अन्य चौवालीस जिलों में सरकार के द्वारा क्षेत्रीय बंधन लगाए जाने के कारण पनिका जाति अन्य पिछड़ी जाति वर्ग में आती है। जिससे इनके जीवन स्तर में अब तक कोई सुधार नहीं आ पा रहा है। अब भी जीवन स्तर निम्न से निम्न बना हुआ है। मध्य प्रदेश के इन शेष अन्य जिलों से क्षेत्रीय बंधन समाप्त कर पनिका जाति को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल कर पिछड़े स्तर को सुधारने का काम सरकार करें। इसके लिए पिछले दशकों से लगातार प्रयास भी किया जा रहा है। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते कोई भी परिणाम नहीं मिल सका है। राजनीतिक संगठन और उनके नेता भी इस जाति का चुनावी लाभ लेते हुए अब तक शोषण ही करते आ रहे हैं। इस मुद्दे पर भी संगठन काम करेगा जिसकी रूपरेखा तैयार की गई है। संगठन को संगठित कर मजबूती से विस्तार दिए जाने आगामी सितंबर माह में जिला स्तरीय मीटिंग बुलाई जाएगी। जिसमें अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की गई है। सभा में मुख्य रूप से जिले के सभी विकास खंडों से स्वजातीय पदाधिकारी बंधु शामिल हुए। प्रदेश कार्यकारिणी से ईश्वर दास सोनवानी, धन सिंह पड़वार, दिनेश बघेल ब्लॉक अध्यक्ष निवास, नारायणगंज ब्लॉक प्रभारी संतोष दास धार्वे, बीजाडांडी ब्लाक अध्यक्ष भगवान दास धनेश्वर, उपाध्यक्ष भगवान दास, डॉ गोवर्धन बैरागी ब्लाक संयोजक, संतोष बघेल, सुमरन दास पनरिया, फत्तू दास बघेल, उमेश बघेल, दीपक बैरागी, नकुल दास धनेश्वर, सहदेव टांडिया संगठन सचिव मुख्य रूप से शामिल रहे।

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