scriptराजा हृदयशाह व निजाम शाह ने कराई थी माता की प्राण प्रतिष्ठा | King Hridayshah and Nizam Shah had done the life of the mother | Patrika News

राजा हृदयशाह व निजाम शाह ने कराई थी माता की प्राण प्रतिष्ठा

locationमंडलाPublished: Oct 13, 2021 08:25:31 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

सिद्धि देती है माता विंध्यवासिनी

राजा हृदयशाह व निजाम शाह ने कराई थी माता की प्राण प्रतिष्ठा

राजा हृदयशाह व निजाम शाह ने कराई थी माता की प्राण प्रतिष्ठा

राजा हृदयशाह व निजाम शाह ने कराई थी माता की प्राण प्रतिष्ठा
मंडला। शहर के बीचों बीच सराफा बाजार में स्थापित है माता विंध्यवासिनी का भव्य मंदिर। कहा जाता है राजा हृदयशाह व निजाम शाह के द्वारा यहां माता की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। यहां बांस का जंगल था, जहां से माता प्रगट हुई थी। यहां पर बावली थी, जिसका पानी राजा पीते थे। राजा ने यह बावली इसलिए बनवाई कि शस्त्रु इसमें जहर या दूसरी चींजे न मिला सके। एक समय राजा के पनिहार ने यहां से पानी लाना भूल गया, तब राजा स्वयं बावली के पास आए उन्होंने देखा बांस के झुरमुट के बीच माता की दिव्यमान प्रतिमा स्थापित है।
राजा ने तुरंत राज्य के पुजारियों को बुलवाकर माता की प्राण प्रतिष्ठा की। तभी से राजा के राज्य का विस्तार और अधिक बड़ा हो गया। माता विंध्यवासिनी में आज भी लोगों की मुराद पूरी होती है। क्वांर के माह यहां बलि चढ़ाई जाती है। नवरात्रि को मिठाई व सात्विक भोग लगाए जाते है। राजा के द्वारा माता की पूजा का भार बुद्धू लाल बरमैया के परिवार को दिया गया। जिसकी संतानें आज भी माता की पूजा अर्चना में लीन है। पंडा गोपाल प्रसाद बरमैया ने बताया ऐसे अनेकों लोग है जिन्हें सर्प ने काटा मरणासन स्थिति में यहां लाया गया। बदना के बाद वे ठीक हुए। जिनकी संताने नहीं थी उन्हें संतान की प्राप्ति हुई। सराफा में ही ऐसे लोग है जो माता की सेवा से निरंतर प्रगति पर है। पूर्व में माता की मढिय़ा के रूप में मंदिर था। समय के साथ साथ मंदिर को भव्यता दी गई और अनेकों माताओं की प्रतिमा स्थापित की गई है। यह शहर के बड़े दिवाले के रूप में जाना जाता है।
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