एक व तीन वर्ष तक के लिए होगा इन पशुओं को बीमा
योजनांतर्गत समस्त पशुधनए, देशी एवं संकर दुधारू पशु, भावाही पशु घोड़ा, गधाए खच्चर, सांड, भैंसपाड़ा अन्य पशु भेड़, बकरी, सुअरए खरगोश आदि को सम्मिलित किया गया है। योजना के अंतर्गत प्रति परिवार एक हितग्राही के अधिकतम 5 पशुओंं का बीमा प्रीमियम अनुदान पर किया जा सकता है। इसमें भेड़, बकरी, खरगोश के लिए 10 पशुओं की संख्या को एक केटल इकाई माना गया है। इसमें प्रति परिवार एक हितग्राही का 5 केटल यूनिट का बीमा किया जाना है। पशु की मृत्यु के 24 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचना देनी होगी। पशुओं का बीमा एक या तीन वर्ष के लिए किया जाना है। एक वर्ष के लिए बीमा प्रीमियम दर 2.92 प्रतिशत तथा तीन वर्ष के लिए 7.34 प्रतिशत निर्धारित की गई है। बीमा पर एपीएल कार्डधारक परिवार को 50 प्रतिशत एवं बीपीएल, अजा, अजजा वर्ग के हितग्राही को 70 प्रतिशत अनुदान भी मिलेगा।
कृषि आधारित क्षेत्र होने के कारण जिले में बड़ी संख्या में पशुपालक है, इनके पास हजारों की तादाद में पशुधन है। 20वीं पशुगणना 2018 के अनुसार जिले में 4 लाख 79 हजार 323 गौवंश एवं 80 हजार 799 भैसवंशीय शामिल है। यह तो शासकीय रिकार्ड के अनुसार है। ऐसे भी हजारों मवेशी हैंं, जो शासकीय रिकार्ड में नहीं है, लेकिन पशुपालकों के पास है। इसके अलावा बकरी, ***** की संख्या भी हजारों में है।
पशु बीमा से नुकसानी की होगी पूर्ति
कई बार बीमारी, दुर्घटनाओं या असमय अकारण पशुओं की मौत से पशुपालकों को हजारों रुपए की हानि उठानी पड़ती है। लेकिन पशुपालक अब कम बीमा प्रीमियम जमा कराकर बीमा लाभ ले सकते है। इससे पशुपालकों की नुकसानी की भरपाई हो सकेगी। शासन द्वारा योजनाएं तो बनाई जाती है, लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में सफल नहीं हो पाती है। ऐसे में विभाग को योजना का प्रचार प्रसार किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए किसानों से संपर्क कर अभियान चलाना चाहिए।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अंतर्गत पशुपालकों को बीमा प्रीमियम पर अनुदान का प्रावधान किया गया है। पशुपालक अपने पशुओं का बीमा कराकर लाभांवित हो सकते हैं।
डॉ पीके ज्योतिषी, वरिष्ट पशुचिकित्सक