हादसा ट्रक के ब्रेक फेल होने के बाद अनियंत्रित होने से बताया जा रहा है। नेशनल हाईवे 30 के निर्माण के साथ ही नगर में बाईपास निर्माण की मांग की जा रही है। लेकिन कुछ व्यापारियों ने व्यापार प्रभावित होने के चलते शुरुआत में ही बाईपास निर्माण के विरोध में रहे। जिसका खामियाजा आज आम नागरिक को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कों में स्थाई व अस्थाई दुकानदारों के द्वारा किए गए अतिक्रमण के साथ ही भारी वाहनों की 24 घंटे आवाजाही दुर्घटना का कारण बन रही है। बायपास निर्माण से भारी वाहनों नगर वासियों को काफी राहत मिलेगी। नगर में वर्तमान की स्थिति देखें तो पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। अस्पताल से लेकर कॉम्पलेक्स तक ऑटो और मोटर साइकिल कतार लगी रहती है। सड़क के दोनो और आधी आधी सड़क वाहनों के खड़े रहने से उपयोग हीन हो जाती है। इस मार्ग में बैंक, शासकीय कार्यालय, होटलों के सामने सुबह से रात तक दो पहिया व ऑटो आदि वाहन खड़े रहते हैं। वहीं गांधी गेट के आसपास दुकानों के सामने भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। बस स्टेंड तक बसों का पहुंचना मुश्किल हो जाता है। रेस्टहाउस के आसपास स्थाई व अस्थाई दुकानदारों का कब्जा है। हाइवे के किनारे दोनो ओर बनाई गई नाली के ऊपर से दुकाने लगा ली जाती है। जिससे ग्राहक सड़क में वाहन खड़ा करके खरीदी करते हैं। जिससे आधी सड़क जाम हो जाती है।