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बसों के संचालन में बस संचालकों को पड़ रहा घाटा

locationमंडलाPublished: Oct 09, 2020 08:39:34 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

किराये बढ़ाये जाने की मांग

बसों के संचालन में बस संचालकों को पड़ रहा घाटा

बसों के संचालन में बस संचालकों को पड़ रहा घाटा

मंडला. कोरोना काल में लॉकडाउन से राहत मिल के साथ जिले में बसों का संचालन तो शुरू हो गया है। लेकिन बस चालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही कारण है कि जहां जिले से विभिन्न रूटों पर 165 बसें संचालित होती थी वहीं अब महज 20-25 बसें संचालित की जा रही है। दूसरे जिले में आने वाली बसों की संख्या भी काफी कम है। लगातार नुकसान झेल रहे बस संचालकों ने शासन से विभिन्न कारण गिनाकर यात्री किराया जल्द बढ़ाने की मांग की है। साथ ही आदेश जारी नहीं होने पर बसें जल्द बंद होने की भी चेतावनी दी है।
प्रदेश स्तरीय एसोसिएशन के इस निर्णय पर मंडला के बस संचालकों ने भी सहमति जताते हुए चर्चा की बात कही है। सरकार को 14 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर किराया नहीं बढ़ता है तो 15 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में बसों का संचालन बंद हो सकता है। ऑपरेटरों का कहना है कि डीजल, बसों के टायर व पाट्र्स के दामों में इजाफा हुआ है। इसलिए 50 फीसदी किराया बढ़ाया जाना जरुरी है। डीजल, बसों के टायर व पाट्र्स के दामों में इजाफा हुआ है। इसी कारण किराया बढ़ाने की मांग उठाई जा रही है। अभी पहले पांच किलोमीटर का किराया सात रुपए और फिर एक रुपए प्रति किलोमीटर है। प्रस्ताव में पहले पांच किलोमीटर का किराया 10 और फिर प्रति किलोमीटर डेढ़ रुपए किराया बढ़ाने की मांग की जा रही है। अब तक शासन ने किराया नहीं बढ़ाया है। ऐसे में लगातार घाटा होने से बस संचालक खुद ही बसें बंद करते जा रहे हैं। कोरोनाकाल में यात्री नहीं मिलने से रोजाना 200 किलोमीटर मार्ग पर एक बस संचालित करने पर 6 हजार रुपए तक घाटा हो रहा है। वर्तमान में 20 फीसदी से ज्यादा यात्री नहीं मिल रहे हैं।
जिले से जबलपुर के लिए 8, डिंडोरी के लिए 7, सिवनी के लिए 5, रायपुर के लिए 2, नागपुर के लिए 2 बसों का संचालन वर्तमान में हो रही है। वहीं लगभग 15-20 बसों का जिले के अंदर निवास, बिछिया, नैनपुर, घुघरी तक चल रही हैं। वहीं बालाघाट के लिए जिला मुख्यालय से एक भी बस नहीं मिल रही है।
बस संचालकों की माने तो बसों का खर्च मुश्किल से निकल रहा है। जिसके कारण बस संचालक प्रत्येक रूट में यात्रियों की संख्या के हिसाब से बसें चला रहे है। सामान्य दिनों में मंडला से जबलपुर, डिंडोरी के लिए हर आधा घंटे में बसें चल रही थी। इसके अलावा रायपुर, बालाघाट, सिवनी के लिए भी पर्याप्त बसें मिल जाती थी। लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद करीब 5 माह से अधिक समय तक बसों का संचालन नहीं हुआ। अब संचालत शुरू हुआ है तो एक माह बाद भी बसों को यात्री नहीं मिल रहे है।


एक नजर में बसों का संचालन
22 मार्च से लॉकडाउन होने से बसें बंद हुई थीं।
4 सितंबर को मुख्यमंत्री ने साढ़े पांच महीने का टैक्स माफ किया।
5 सितंबर को बसों का संचालन शुरू हआ।
जिले से लगभग 165 बसें संचालित होती हैं।
दूसरे जिले से लगभग 100 बसें आती हैं।
इनमें 50-60 बसें ही चल रही।
20 फीसदी से ज्यादा यात्री नहीं मिल रहे।

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