कोलकाता अलीपुर कोर्ट ने तलाक मामले में कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी को बेटी के भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 40 हजार रुपए एवं बतौर मामला खर्च पत्नी रत्ना चटर्जी को एकमुश्त 70 हजार रुपए देने का निर्देश दिया। रत्ना चटर्जी ने याचिका दायर कर बेटी के भरण-पोषण के लिए 1.5 लाख रुपए प्रतिमाह एवं बतौर मामला खर्च एकमुश्त 15 लाख रुपए की मांग की थी। अदालत ने मेयर को मामला खर्च की रकम के भुगतान के लिए तीन माह का समय दिया है। इस बारे में मंगलवार को दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद न्यायाधीश ने उक्त फैसला सुनाया। मेयर के साथ-साथ रत्ना चटर्जी को भी न्यायाधीश ने बेटी के भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 40 हजार रुपए देने का निर्देश दिया है। फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देने के लिए दोनों पक्ष स्वतंत्र हैं। मेयर के वकील ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। हालांकि रत्ना चटर्जी अथवा उनके वकील की ओर से समाचार लिखे जाने तक इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी। रत्ना के वकील से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि फैसले की कॉपी को देखने के बाद उनका मुवक्किल इस बारे में कोई निर्णय लेगा। मंगलवार को अदालत में शोभन चटर्जी के साथ उनकी महिला मित्र बैशाखी बंद्योपाध्याय भी उपस्थित थी। मेयर अौर उनकी पत्नी के बीच लम्बे समय से तलाक का मामला चल रहा है। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार बैशाखी बंद्यापाध्याय नामक एक महिला से नजदीकीयां बढ़ने को लेकर मेयर अौर उनकी पत्नी के बीच दुरियां बढ़ी। मामला तलाक तक पहुंच गया।