वर्जन:
* मजदूर स्वयं की इच्छा से जा रहे हैं तो उन्हें रोका नहीं जा सकता है। अगर कोई ठेेकेदार के माध्यम से ले जाया जा रहा है तो इसकी सूचना श्रमविभाग में देनी होती है। जिससे वहां के श्रम विभाग के अधिकारी श्रमिकों की सुरक्षा व सुविधा पर ध्यान दे सकते हैं। अब तक एक ही अनुमति ली गई है।
जितेंद्र मेश्राम, जिला श्रम अधिकारी
* प्रदेश की मौजूदा सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया नहीं करा पा रही है। जिसके चलते मंडला, डिंडोरी सहित आदिवासी बहुल्य क्षेत्र के मजदूर पलायन को मजबूर हैं। मनरेगा में भी काम नहीं मिल रहा है। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कांग्रेस ने मुदï्दा उठाया था। पलायन नहीं रूकता है तो एक फिर कांग्रेस मजदूरों के हित में लड़ाई लड़ेगी।
संजय सिंह परिहार, प्रदेश सचिव, कांग्रेस कमेटी