मनरेगा भी नहीं रोक पाई पलायन :
ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार देने की गारंटी देने वाली रोजगार गांरटी योजना भी मजदूरों को जीविकोपार्जन के पर्याप्त अवसर प्रदान नहीं कर पा रही है। जिसका खामियाजा रोज कमाने खाने वाले ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। गांवों में पर्याप्त कार्य ना मिलने के कारण मनरेगा से ग्रामीणों का मोहभंग हो चुका है। ग्रामीणों को मनरेगा में किए गए कार्य की राशि उनके खाते में आते-आते महिनों बीत जाते है, लेकिन ग्रामीणों को तो रोज कमाना ओर खाना पड़ता है। जिसके कारण ग्रामीण काम की तालाश में पलायन कर रहे है।
रोजगार के संसाधनों का अभाव :
निवास क्षेत्र में कहने को तो औद्योगिक क्षेत्र मनेरी आता है लेकिन इस औद्योगिक क्षेत्र में मंडला जिले की अपेक्षा जबलपुर सहित अन्य जिलों के मजदूर अधिक लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त जिले में कहीं भी कोई बड़ा उद्योग नहीं है, जिससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल सके और पलायन रूक सके।
ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार देने की गारंटी देने वाली रोजगार गांरटी योजना भी मजदूरों को जीविकोपार्जन के पर्याप्त अवसर प्रदान नहीं कर पा रही है। जिसका खामियाजा रोज कमाने खाने वाले ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। गांवों में पर्याप्त कार्य ना मिलने के कारण मनरेगा से ग्रामीणों का मोहभंग हो चुका है। ग्रामीणों को मनरेगा में किए गए कार्य की राशि उनके खाते में आते-आते महिनों बीत जाते है, लेकिन ग्रामीणों को तो रोज कमाना ओर खाना पड़ता है। जिसके कारण ग्रामीण काम की तालाश में पलायन कर रहे है।
रोजगार के संसाधनों का अभाव :
निवास क्षेत्र में कहने को तो औद्योगिक क्षेत्र मनेरी आता है लेकिन इस औद्योगिक क्षेत्र में मंडला जिले की अपेक्षा जबलपुर सहित अन्य जिलों के मजदूर अधिक लाभान्वित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त जिले में कहीं भी कोई बड़ा उद्योग नहीं है, जिससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल सके और पलायन रूक सके।