scriptकंटेनमेंट एरिया पिपरिया व्यापारियों का लाखों का नुकसान | Millions of loss of Container area Pipariya traders | Patrika News

कंटेनमेंट एरिया पिपरिया व्यापारियों का लाखों का नुकसान

locationमंडलाPublished: Aug 04, 2020 04:57:10 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

त्यौहार बंद के कारण रक्षाबंधन पर्व में नहीं कर सके व्यापार

कंटेनमेंट एरिया पिपरिया व्यापारियों का लाखों का नुकसान

कंटेनमेंट एरिया पिपरिया व्यापारियों का लाखों का नुकसान

निवास. कोरोना संक्रमण के चलते पिपरिया वासियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। यहां अधिक पॉजिटिव मिलने के कारण रक्षाबंधन पर्व के 13 दिन पूर्व कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था। सभी दुकानें बंद कर दी गई। जिससे व्यापारी सीजन में ही व्यापार नहीं कर सके। होटल, किराना, कपड़ा सहित इलेक्ट्रिकल्स सामग्री से जुड़े व्यापारियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा। निवास नगर पालिका क्षेत्र से 5 किलोमीटर दूर होने के बाद भी यहां पिपरिया ग्राम लगभग दो दर्जन गांव के लिए मुख्य बाजार है। यहां लगने वाली शनिवार की सप्ताहिक बाजार को व्यापारियों ने पूर्व में ही आपसी सहमति से प्रतिबंधित कर दिया था। वहीं रविवार को जिले भर में टोटल लॉकडाउन के कारण भी बाजार बंद रहता है। जिसके चलते रक्षाबंधन पर्व के दौरान यहां के व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बहुत से व्यापारी रक्षा बंधन के राखी, रूमाल व कपड़े मंगा लिए थे जिनकी बिक्री भी नहीं हो सकी है। पिपरिया में अब तक 13 पॉजिटिव मिल चुके हैं जिसमें दो दिन पूर्व ही 6 पॉजिटिव केस समाने आए है। वहीं लगभग 25 लोग निवास ब्लॉक में बनाए गए क रौंदी क्वारंटिन सेंटर में हैं। जिसके चलते प्रशासन ने पिपरिया में 6 स्थान चिन्हित किए गए हैं जिसमें पुलिस टीम के साथ 24 शिक्षकों की भी डï्यूटी लगाई है।
हालांकि की सोमवार को प्रशासन ने दुकान खोलने पर कोई अपत्ति नहीं जताई। जिससे व्यापारियों को कुछ राहत मिली है। व्यापारी भी काफी सतर्क नजर आए शासन की गाइड लाईन का पालन करते हुए विक्रय किया। कोरोना भय के कारण कम ही लोग पिपरिया बाजार पहुंचे।
पिपरिया में होम क्वारेंटाइन होने और कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित होने के कारण गरीब लोग चार दिवारी के अंदर ही ठहर गए हैं। जब पहली बार लाक डाउन मार्च में किया गया था उस समय जिले में एक भी संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला था तो जरूरतमंदों को राशन के साथ भोजन के पैकेट वितरण किए जा रहे थे। प्रमुख राजनीतिक दलों के द्वारा खुद जन प्रतिनिधि भ्रमण करते थे लेकिन आज जब मरीज निकल गए और आज जब गरीबों को वास्तविक रुप में जरूरत है तो किसी ने ग्राम के हाल तक नहीं जाना। ना ही समाजसेवी सामने आ रहे हैं। दो दर्जन से अधिक क्वारंटिन है मजदूर वर्ग चार दिवारी के अंदर हैं।
छावनी में तब्दील पिपरिया
जिला प्रशासन के लिए चुनौती बना पिपरिया सुरक्षा और सतर्कता की दृष्टि से पुलिस छावनी का रूप ले चुका है। जहां पुलिस अधिकारियों सहित पुलिस के दर्जनों जवानों की तैनाती की जा चुकी है और अब शिक्षकों को भी ड्यूटी में लगाया गया है ताकि अनावश्यक रूप से कोई कंटेनमेंट जोन से बाहर ना निकल सके।

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