स्थानीयों पर कार्रवाई नहीं
हिरदेनगर क्षेत्रवासियों के अनुसार, क्षेत्र में स्थानीय ठेकेदार अपने दो ट्रैक्टरों के माध्यम से रात दिन रेत चोरी में लगा रहा। इसके अलावा हिरदेनगर के आसपास के ट्रैक्टर संचालकों के जरिए भी रेत चोरी करवाई गई। इसके एवज में उनसे निर्धारित कमीशन वसूल किया गया। हिरदेनगर में रेत चोरों के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ दिनों पहले स्थानीय लोगों ने ट्रैक्टरचालकों की बेलगाम धमाचौकड़ी से तंग आकर दो ट्रैक्टर को पुलिस के हवाले किया था। इसके कुछ घंटों बाद ही रेत से भरे ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी फिर से शुरु हो गई और ग्रामीण भी थक हारकर शांत बैठ गए।
नहीं उठाते फोन
खनिज पखवाड़े के दौरान कई शिकायतकर्ता खनिज विभाग भी पहुंचे ताकि विभाग को खनिज चोरों के धमाचौकड़ी के बारे में विस्तार से बताया जा सके। इस दौरान खनिज अधिकारी सिर्फ यह आश्वासन देते दिखे कि जैसे ही रेत चोरी शुरु हो, तत्काल खनिज विभाग के अधिकारियों को फोन किया जाए लेकिन दर्जनों शिकायतकर्ताओं ने बताया कि खनिज निरीक्षक पाटिल और स्नेहलता ठांवरे या तो फोन ही नहीं उठाते हैं या फोन उठा लें तो बताए गए स्थान पर दबिश नहीं देते।
ग्रामीणों का यह आरोप भी है कि पखवाड़े के दौरान खनिज निरीक्षकों ने भी रेत चोरों को जमकर छूट दी। सिर्फ सड़क से गुजरते इक्का दुक्का रेत, मुरम, गिट्टी से भरे ट्रैक्टरों को पकड़कर खनिज पखवाड़ा मनाते रहे।
हिरदेनगर में खुली छूट
हिरदेनगर क्षेत्र से बंजर नदी और मटियारी नदी का प्रवाह क्षेत्र है। इसलिए लगभग 5 किमी का क्षेत्र रेत के भंडार से भरा हुआ है। खनिज विभाग भले ही अपनी कार्ययोजना में नैनपुर, मोहगांव, बिछिया, बम्हनी क्षेत्र में रेत की चोरी रोकने की तैयारी में है लेकिन हिरदेनगर की ओर से विभाग ने आंखें मूंद रखी हैं। यही कारण है कि क्षेत्र में रेत चोरों के हौसले बुलंद रहे। हिरदेनगर में हो रही रेत चोरी के बारे में खनिज अधिकारी दिवेश मरकाम को बताया भी गया लेकिन वे भी सिर्फ कार्रवाई के आश्वासन तक ही सीमित रहे। जिले में हिरदेनगर रेत चोरों का सबसे सुरक्षित अड्डा माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय पुलिस की मदद से इस क्षेत्र में रेत चोरों को सबसे अधिक मूक सुरक्षा प्रदान की जा रही है। न ही उनकी धमाचौकड़ी से पुलिस को कोई परेशानी है और न ही यहां हो रहे रेत की चोरी से खनिज विभाग को कोई आपत्ति है।