संसारिक जीवन की समस्त इच्छाएं पूरी होती है
भगवान विष्णु की कृपा पाने का सबसे उत्तम व्रत एकादशी
को माना गया है। इसे व्रतराज भी
कहते हैं क्योंकि एकादशी का व्रत
करने से सांसारिक जीवन की समस्त
इच्छाएं तो पूर्ण होती ही हैं इसे करने
से मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक की
प्राप्ति भी होती है। शास्त्रों के अनुसार
एकादशी का व्रत करने वाले पर
भगवान विष्णु और भगवान शिव
दोनों की कृपा समान रूप से रहती
है। यही कारण है कि इस वर्ष की
मोक्षदा एकादशी को सभी श्रृद्धालुओं
को इंतजार है।
18 दिसंबर को एकादशी
ज्योतिषाचार्य एवं पंडित राकेश शास्त्री ने बताया कि
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की
एकादशी 18 दिसंबर 2018
मंगलवार को आ रही है। इसे मोक्षदा
एकादशी के नाम से जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार, एकादशी माह में
दो बार आती है कृष्ण पक्ष और
शुक्ल पक्ष। इस तरह वर्ष में 24
एकादशियां आती हैं। इसका उद्यापन
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की
एकादशी के दिन किया जाता है।
यही कारण है कि मोक्षदा एकादशी
को एकादशी व्रत का उद्यापन किया
जाएगा। लेकिन इसके लिए जरूरी है
कि इस एकादशी के दिन तक
आपकी 24 एकादशियां पूर्ण हो गई
हों।पंडित शास्त्री ने बताया कि किसी
भी व्रत की पूर्णता तभी मानी जाती
है जब विधि-विधान से उसका
उद्यापन किया जाए। उद्यापन करना
इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि हम
जो व्रत करते हैं उसके साक्षी तमाम
देवी-देवता, यक्ष, नाग आदि होते हैं।
उद्यापन के दौरान की जाने वाली
पूजा और हवन से उन सभी देवीदेवताओं
को उनका भाग प्राप्त होता
है। इस दौरान किए जाने वाले दानदक्षिणा
से व्रत की पूर्णता होती है।