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मंडला

गांवों में फैल रहा साहूकारी का जाल

ब्याज के बदले उठाते हैं कर्जदारों का खाद्यान्न

मंडलाNov 29, 2021 / 08:29 pm

Mangal Singh Thakur

Moneylender's web spreading in villages

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मंडला. पास में रुपया नई है साब, सरकारी काम करो तो मजूरी नई देत। साहूकार से करज न ले तो का करे। ये परेशानी है लिंगा गांव के टोला क्षेत्र की। जहां की कुछ महिलाओं ने साहूकार से कर्ज लिया। अब अपने राशन का अनाज उन्हें कुछ मात्रा में देकर उसे ब्याज के रूप में लौटा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई गांव की यही हालत है। निर्धन ग्रामीणों के पास अब न ही जेवर हैं और न ही अपने खेत और न ही खुद का व्यापार। शासन की योजनाओं के अंतर्गत किए जा रहे निर्माण कार्यों में काम तो करा लिया जाता है लेकिन समय पर मजदूरी नहीं मिलती। उनकी विवशता है कि साहूकार से कर्ज लेना पड़ रहा है।
जिले के ग्रामीण अंचलों में लगभग हर धनी सेठ या ग्रामीण अपने आप में साहूकार है जो ग्रामीणों को ब्याज पर रुपए देते हैं। उनमें से अधिकांश के पास साहूकारी का लायसेंस नहीं है। ग्रामीणों के पास खेत खलिहान भी नहीं, बल्कि दूसरों के खेतो को अधिया में लेकर मजदूरी कर रहे हैं। यही कारण है कि जिले भर में साहूकारी का जाल तेजी से फैल रहा है और बेबस ग्रामीण उनकी गिरफ्त में बहुत आसानी से आ रहे हैं।
शहर में सिर्फ 11 लायसेंसी
जानकारी के अनुसार, नगर में लगभग 11 ऐसे साहूकार हैं जिनके पास साहूकारी का लायसेंस है। इसके अलावा नगर में ऐसे 50-55 लोग ऐसे हैं जो ब्याज पर रुपए चलाते हैं लेकिन उनके पास इसका लायसेंस नहीं है। जानकारों का कहना है कि जिले के हर विकासखंड में लगभग छह से सात बड़े साहूकार हैं जो बिना लायसेंस के साहूकारी का काम कर रहे हैं और ग्रामीणों को आसानी से अपने साहूकारी के जाल में फंसा रहे हैं। कोरोना संकट के बाद ग्रामीणों के पास जेवर आदि नहीं बचे तो अब उनके हिस्से के खाद्यान्न को लेकर उसे बाजार में या गांव की किराना दुकानों में खपाया जा रहा है।
हाल ही में गरमाया मामला
हाल ही में महाराजपुर थाना अंतर्गत हनुमान जी वार्ड निवासी देवकुमार की मौत पर परिजनों ने महाराजपुर पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि उनके भाई देवकुमार बर्तन का व्यापार करते थे और शहर के बड़े बर्तन व्यापारी से कुछ रुपए का कर्ज लिया था। उस साहूकार ने देव कुमार से ब्लैंक चेक रखवा लिया था और उसमें ढाई लाख रुपए की राशि भरकर देवकुमार को ब्लैकमेल कर रहा था। जिसकी शिकायत महाराजपुर थाने में की गई थी। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और डिप्रेशन में गए देवकुमार की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि शहर में ऐसे एक नहीं दर्जनों साहूकार हैं जो बिना लायसेंस के ब्याज का व्यापार कर रहे हैं।

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