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मंडला

नहीं चलेगी मोनोपॉली, रद्द हो सकती है मान्यता

शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

मंडलाApr 06, 2018 / 11:19 am

shivmangal singh

Monopoly can not be canceled, can be canceled
मंडला. स्कूलों में अप्रेल से नया सत्र शुरू हो गया है। सत्र शुरू होते ही स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों पर महंगी पुस्तकें खरीदने का दबाव बनाया जाता है। दरअसल मोनो पॉली की वहय से स्कूलों द्वारा एक तयशुदा दुकान से ही पुस्तकें खरीदने के लिए कहा जाता है। यहां पालकों को मजबूर होकर महंगी पुस्तकें खरीदना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। क्योंकि मोनोपॉली की शिकायतों के बाद मप्र शिक्षा विभाग ने इस संबंध में मप्र के सभी लकेक्टरों को आदेश जारी किए हैं कि जिस भी स्कूल से इस प्रकार की शिकायत मिले। उसका प्रतिवेदन बनाकर विभाग को भेजें। यहां संबंधित स्कूल पर कार्रवाई होगी। स्कूल की मान्यता भी रदï्द हो सकती है। जानकारी के अनुसार एनसीईआरटी द्वारा प्रस्तावित किताबें लेने पर अभिभावक पर अधिकतम २०० से १००० रुपए तक का खर्च ही आएगा। यह रेट कक्षा एक से लेकर १२वीं तक के हैं। लेकिन स्कूल प्रबंधन अन्य प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। इनके रेट एलकेजी से कक्षा १२वीं तक १२०० से लेकर ६ हजार रुपए तक हो जाते हैं। यानी तयशुदा दुकानों और उनकी किताबों के कारण अभिभावक की जेब काट ली जाती है। २०१५ में लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने आदेश जारी किए थे कि एनसीई आरटी की पुस्तकों के लिए अलावा प्राइवेट स्कूल अधिकतम ४ किताब अपनी जरूरत के मुताबिक चला सकते हैं। इसी की आड़ में सभी ८ से १२ तक अतिरिक्त किताबें चलाते हैं। इनके रेट २०० सेलेकर ५०० रुपए प्रति किताब तक है। साथ ही स्टेशनरी में रजिस्टर कॉपी तक की कंपनियां तय हैं। बाजार में जो रजिस्टर कॉपी ५ से २० रुपए तक में उपलब्ध हैं वो यहां पर ४० से १५० रुपए तक में दिए जा रहे हैं।
भीषण गर्मी में छह घंटे बैठ रहे बच्चे
नारायणगंज. शासकीय विद्यालयों में बच्चों को खेलकूद एवं शैक्षणिक गतिविधियों के साथ जायफूल लर्निंग सीखाने के लिए एक अप्रैल से शिक्षण सत्र प्रारंभकर दिया है, लेकिन यह सत्र बच्चों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। वर्तमान में पारा ३५ के पार पहुंच चुका है, ऐसे में जायफुल लर्निंग सीखना बच्चों के लिए सिकी कठिन परीक्षा से कम नहीं है। विद्यालयों में बिजली व पानी की समस्या है। दोपहर की गर्मी में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। आने वाले समय में तापमान में ओर वृद्धि होगी। ऐसे में प्राथमिक शाला के बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। विकासखंड की अधिकांश शालाओं में बिजली के कनेक्शन नहीं है। ऐसे में पंखे की व्यवस्था होनेे की कल्पना भी नहीं की जा सकती। कुछ हाई स्कूल व हायर सेंकडरी स्कूलों को छोड़ कर किसी भी शाला में बिजली नहीं है। इसी भीषण गर्मी में जहां बिना पंखे के एक मिनिट भी बैठना मुश्किल है, वहां बच्चों को ६ घंटे बैठना पड़ रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी यूबी पटेल का कहना है कि वर्तमान में भीषण गर्मी को देखते हुये नवीन शैक्षणिक सत्र में दिनांक 30 अप्रैल तक जिले के समस्त शासकीय एवं अशासकीय प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के संचालन का समय शुक्रवार से सुबह 7.30 से 12.00 बजे तक किया गया है ताकि अध्ययनरत छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव न पडे। इस संबंध में कलेक्टर मंडला द्वारा आदेश जारी किए गए है।

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