scriptमुक्तिधाम बदहाल, खुले में करना पड़ता है अंतिम संस्कार | Muktidham is in bad condition, funeral has to be done in the open | Patrika News

मुक्तिधाम बदहाल, खुले में करना पड़ता है अंतिम संस्कार

locationमंडलाPublished: Oct 18, 2021 09:16:07 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

सुविधाओं और साफ सफाई की कमी, साप्ताहिक बाजार के दिन होती है परेशानी

मुक्तिधाम बदहाल, खुले में करना पड़ता है अंतिम संस्कार

मुक्तिधाम बदहाल, खुले में करना पड़ता है अंतिम संस्कार

मुक्तिधाम बदहाल, खुले में करना पड़ता है अंतिम संस्कार
मंडला। नारायणगंज मुख्यालय में अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम बना है लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं हैं। मुक्तिधाम में टीनशेड ही नहीं है, जिसके कारण बदहाल मुक्तिधाम में लोगों को खुले में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है। यदि बारिश हो जाए तो लोगों को भीगते हुए ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है। साथ ही मुक्तिधाम तक पहुंचने के रास्ते में अतिक्रमण पसरा हुआ है। साप्ताहिक बाजार के दिन इस मार्ग में पैर रखने की जगह नहीं रहती है। जिसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने कई बार ग्राम पंचायत व स्थानीय प्रशासन से मुक्तिधाम जीर्णोद्धार की मांग कर चुके हैं। उसके बाद भी पंचायत द्वारा जीर्णोद्धार नहीं कराया गया है।
बता दे कि नारायणगंज में बना मुक्तिधाम बदहाली का शिकार है। मुक्तिधाम में साफ-सफाई नहीं है। यहां पर गाजारघास और झाडिय़ां ऊग आईं हैं। जिसके कारण अंतिम संस्कार के लिए आये ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मुक्तिधाम में सफाई व्यवस्था को लेकर स्थानीय प्रशासन का ध्यान नहीं दे रहा है। तहसील मुख्यालय नारायणगंज की ग्राम पंचायत खैरी और पड़रिया की 5 हजार की आबादी के बीच मुक्तिधाम में सुविधा के नाम पर बांउड्रीवाल और एक हैंडपंप लगाया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार करने के लिए शेड नहीं लगाया गया है। जिसके कारण खुले मैदान में अंतिम संस्कार करना पड़ता लोगों की मजबूरी है। यहां बारिश में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मुक्तिधाम में सफाई नहीं कराई जा रही है। यहां अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। मुक्ति धाम में कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण लकड़ी के लिए गांव जाना पड़ता है। वहां से लकड़ी खरीदकर लाने के बाद अंतिम संस्कार हो पाता है।
अधूरे पड़े निर्माण कार्य :
मुक्ति धाम में दो कक्ष बनाये जा रहे थे। जिससे बारिश के समय शोक सभा के लिए काम आ सके और आने वाले लोगों को छांव मिल सके लेकिन मनरेगा के तहत कराये जा रहे कार्य अधूरे हैं। तकनीकी स्वीकृति के पहले काम शुरू कर दिया गया था। जिसके बाद भुगतान नहीं हुआ है। जिसके कारण निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।

सुविधाओं के लिए ध्यान नहीं :
स्थानीय लोगों का कहना है कि मुक्ति धाम में सुविधाएं बनाने के लिए किसी का ध्यान नहीं है। स्थानीय जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत के द्वारा मुक्ति धाम के कायाकल्प के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहे है। जिससे मुक्ति धाम की बदहाली पर यहां के लोगों को परेशानी उठानी पड रही है। मुक्ति धाम में साफ सफाई व सुविधाएं बढ़ाने की मांग स्थानीय लोगों ने की है।
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