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स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नई गाइड लाइन, इस तरह दिए जाएंगे नंबर

locationमंडलाPublished: May 19, 2019 06:15:51 pm

Submitted by:

amaresh singh

केन्द्र सरकार ने गाइड लाइन जारी कर दी है

New Guide Line for Cleanliness Surveys

स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नई गाइड लाइन, इस तरह दिए जाएंगे नंबर

मंडला। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए केंद्र सरकार ने गाइड लाइन जारी कर दी है। अब स्वच्छता के लिए साल में तीन बार सर्वेक्षण होगा। तीनों सर्वेक्षण के हिसाब से शहरों को नंबर दिए जाएंगे। इस बार सर्वेक्षण में शहरों को बने रहना बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि माइनस मार्किंग भी होगी। नई गाइड लाइन के हिसाब से स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नगर पालिका को हर तीन माह में स्वच्छता के लिए किए गए कामों की पूरी जानकारी केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजना होगी। इसके आधार पर दिल्ली से टीम कामों की जांच के लिए हर तीन माह में एक बार आएगी। टीम कब आएगी इसकी जानकारी किसी को नहीं दी जाएगी। टीम के सदस्य अपने हिसाब से जानकारी इक_ा कर दिल्ली भेजेंगे। इन तीनों बार के सर्वेक्षण के नंबर जोडकर कुल नंबर दिए जाएंगे।
शहरों द्वारा पूर्व में जुटाई गई व्यवस्थाएं बनाकर रखना होंगी, साथ ही नई भी जुटाना होंगी। ऐसे में शहरों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा, लेकिन शहरों को केंद्र सरकार से आर्थिक मदद नहीं मिलेगी। तीन माह में डाटा भेजे जाने के चलते अलग से पूरी व्यवस्थाएं करना होगी। इसके लिए पृथक से न सिर्फ स्टाफ जुटाना होगा, बल्कि व्यवस्थाओं को भी मजबूत करना होगा। स्टाफ बढ़ाने का बोझ भी नगर पालिका पर पड़ेगा।


होगी माइनस मार्किंग
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए दिल्ली भेजे जाने वाले डाटा के अनुरूप यदि टीम को नहीं काम दिखा तो नंबरों की कटौती भी की जाएगी। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण की रेस काफी तेज हो गई है। नंबर देने प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। पहले नंबर पर रहने वाले शहर को 200 और दूसरे नंबर पर रहने वाले को 199, तीसरे नंबर पर रहने वालों को 198 नंबर दिए जाएंगे। इससे ज्यादा मार्किंग लाने वाले और उससे पीछे रहने वाले शहर में भी दिक्कत होगी।

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