मइगाई बहुत ज्यादा हो गई है कांसा और पीतल के दामों में पूर्व की अपेक्षा कई गुना वृद्धि हो गई है। जिसके चलते अब इन्हे लेने की हिम्मत नहीं रही है। अब दहेज में देेने के लिए अन्य समान लेने की सोच रहे है।
मत्तो बाई, ग्राम धम्मी निवासी शादी में व्यवहार देने के लिए बर्तन की खरीददारी करने के लिए बाजार आए थे लेकिन बर्तनो के दाम इतने ज्यादा हो गए है कि इन्हें लेने के लिए इतने पैसे ही नही है इसलिए कुछ और समान लेने की योजना बना रहे है।
गायत्री परस्ते, अमदरा निवासी
गायत्री परस्ते, अमदरा निवासी
&दो साल लॉकडाउन के कारण विवाह कम हुए हैं। हुए भी तो मेहमानो की संख्या सिमित थी तो उपहार देना भी आवश्यक नहीं थी। अब दूर के दरिश्तेदारों के यहां से भी निमंण आ रहे हैं। महंगाई के कारण बजट बिगड़ रहा है।
ममता परस्ते, ककैया निवासी
उधारी बंद, नगर में काम
आम आदमी के साथ ही व्यापारियों की भी कमर टूट गई है। घाटा से बचने के लिए उधारी का काम पूरी तरह से बंद हो गया है। नगद में काम किया जा रहा है।
शेखर कांसकार, बर्तन व्यापारी
&लोग खरीददारी तो करते हैं, लेकिन जो लोग 5-6 हजार का सामान खरीदते थे वह अब 4 हजार का खरीद रहे हैं। पहले 300 रुपए परिवहन का चार्ज लगता था। अब 500 रुपए तक पहुंच गया है। महंगाई का असर दिख रहा है।
रोहित जसवानी, बर्तन व्यापारी