मंडला

तीन वर्ष की बच्ची को छोड़कर चेक पोस्ट पर फर्ज निभा रही नर्स रूचि ठाकुर

इससे पहले वह कभी भी अपने बच्चों से दूर नहीं रही।

मंडलाMay 12, 2020 / 06:09 pm

Rajkumar yadav

Nurse Ruchi Thakur performing duty at check post except three year old girl

निवास। कोरोना वायरस से बचाव के लिये प्रशासनिक व्यवस्था के तहत जिलों की बार्डरों में कोरोना फाइटरों को तैनात किया गया है। जिसमें पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की तैनाती की गई है। जिसमें ये कोरोना फाइटर दिन रात आने-जाने वाले एक-एक राहगीरों का पंजीयन, स्क्रीनिंग व आवश्यक जांच कर रहे है। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर एक ऐसी ही नर्स की जानकारी दी जा रही है। जो अपनी तकलीफों को छोड़कर सेवा में लगी हुई हैं। जिले के निवास विकासखंड में एक नर्स को तीन साल के बच्चे से दूर रहना पड़ रहा है। इससे पहले वह कभी भी अपने बच्चों से दूर नहीं रही। हालांकि वह प्रतिदिन अपने बच्चों को गेट के बाहर से ही देख लेती हैं। लेकिन कोरोना के डर से बच्चें से काफी दूरी बन गई है। उस मां को डर लगता है कहीं, उसकी वजह से दोनों किसी खतरे का शिकार न हो जाएं। निवास के सुपोषण केन्द्र में एएनएम के पद पर पदस्थ रुचि ठाकुर जो अपने दुधमुही बच्चे की निगरानी को छोड़ मंडला-डिंडौरी बार्डर पर स्थित मानिकपुर चेकपोस्ट पर अपनी सेवायें दे रहीं हैं। जिसे कभी पति के साथ, तो कभी पड़ोसियों की देख रेख में छोड़कर अपने कर्तव्यों के पालन करने के लिए चेकपोस्ट पहुंच जाती है। नन्हीं काश्वी अपनी तोतली भाषा में अपनी मम्मी के साथ जाने की जिद करती है। कभी रूठ जाती है रोने लगती है, किलकारी मारती है। बालहठ करती है। लेकिन इन सब से मुंह मोड़कर अपने घर को छोड़ अपने कर्तव्यपथ की ओर बढ़े कदम को नहीं रोक पाती है। दिनभर ड्यूटी के बाद घर वापस लौटने के बाद काश्वी जैसे ही अपनी मम्मी को देखती है तो अपनी मां के गोदी के लिये दौड़ पड़ती है लेकिन यहां भी नन्हीं बच्ची को अपनी भावनाओं से समझौता करना पड़ता है। उसकी मां रुचि पहले नहाती हैं फिर अपनी बेटी को दूर से ही दुलार करतीं हैं। रुचि बताती हैं कि कोविड-19 के कारण सभी की जिम्मेदारी बढ़ गई है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की विशेष जिम्मेदारी हो गई है हमारे त्याग और समर्पण के कारण ही लोग हमें सम्मान दे रहे र्हैं। देशभर में हमारे उत्साहवर्धन के लिए तरह तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इन सब का ध्यान करने के बाद बिटिया को घर छोडऩे की हिम्मत स्वंय ही आ जाती है। हिंदू सेवा परिषद के प्रदेश सहसचिव धर्मेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की इन मातृशक्तियों का त्याग और समर्पण रानी दुर्गावती, लक्ष्मीबाई, अवंतीबाई आदि वीरांगनाओं की याद दिलाता है। इन कोरोना सैनानियों को नमन करना चाहिए।
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