एक्सपर्ट कमेंट
कोरोना की निरंतर दो भयावह लहरों ने जनमानस को न केवल हिलाकर रख दिया था, बल्कि समस्त व्यवस्थाओं व तंत्र को भी अस्त व्यस्त कर दिया था। ऐसे में हमारी केंद्र व राज्य सरकार ने हालातों को देखते हुए अत्यंत उचित व समयानुकूल निर्णय लिए। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत न केवल अधिकांश समय अध्यापन ऑनलाइन रहा, बल्कि लगातार दो वर्ष परीक्षाएँ भी ओपन बुक पद्धति से हुईं। दरअसल जान है तो जहान है के अंतर्गत कोविड के सामुदायिक संक्रमण से बचाव के लिए यह आवश्यक भी था। ओपन बुक पद्धति के अनुसार परीक्षाएं भी हुईं और परिणाम भी घोषित हुए। जिसमें प्राय: शत-प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। इसे एक अच्छा विकल्प माना गया है। वैसे भी हर निर्णय समय व परिस्थितियों के अनुसार ही होना चाहिए। बेशक पढ़ाई व परीक्षाएं तो आवश्यक हैं, पर विद्यार्थियों व लोगों की प्राण रक्षा भी आवश्यक है। हालातों व बीमारी को देखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई व ओपन बुक परीक्षा को पूरी तरह उचित ही माना जाएगा।
डॉ. शरद नारायण खरे, प्राचार्य, शासकीय कन्या महाविद्यालय, मंडला
कोरोना की निरंतर दो भयावह लहरों ने जनमानस को न केवल हिलाकर रख दिया था, बल्कि समस्त व्यवस्थाओं व तंत्र को भी अस्त व्यस्त कर दिया था। ऐसे में हमारी केंद्र व राज्य सरकार ने हालातों को देखते हुए अत्यंत उचित व समयानुकूल निर्णय लिए। उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत न केवल अधिकांश समय अध्यापन ऑनलाइन रहा, बल्कि लगातार दो वर्ष परीक्षाएँ भी ओपन बुक पद्धति से हुईं। दरअसल जान है तो जहान है के अंतर्गत कोविड के सामुदायिक संक्रमण से बचाव के लिए यह आवश्यक भी था। ओपन बुक पद्धति के अनुसार परीक्षाएं भी हुईं और परिणाम भी घोषित हुए। जिसमें प्राय: शत-प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। इसे एक अच्छा विकल्प माना गया है। वैसे भी हर निर्णय समय व परिस्थितियों के अनुसार ही होना चाहिए। बेशक पढ़ाई व परीक्षाएं तो आवश्यक हैं, पर विद्यार्थियों व लोगों की प्राण रक्षा भी आवश्यक है। हालातों व बीमारी को देखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई व ओपन बुक परीक्षा को पूरी तरह उचित ही माना जाएगा।
डॉ. शरद नारायण खरे, प्राचार्य, शासकीय कन्या महाविद्यालय, मंडला
स्नातक फाईनल में कुल छात्र – 1334
अनुतीर्ण छात्र – 05
उत्तीर्ण छात्र – 1329
अनुतीर्ण छात्र – 05
उत्तीर्ण छात्र – 1329