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ऑनलाइन शॉपिंग ने तोड़ी व्यापारियों की कमर

locationमंडलाPublished: Oct 23, 2019 08:01:52 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

सरकार का नहीं नियंत्रण, छोटे व्यापारियों को हो रहा नुकसान

Online shopping broke merchant's back

ऑनलाइन शॉपिंग ने तोड़ी व्यापारियों की कमर,ऑनलाइन शॉपिंग ने तोड़ी व्यापारियों की कमर

मंडला. ऑनलाइन शॉपिंग ने स्थानीय व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। नवरात्र के बाद दीपावली पर्व आ गया लेकिन बाजार में उम्मीद के अनुसार रौनक नहीं आई है। ऐसा नहीं कि लोग खरीदी नहीं कर रहे हैं। घर बैठे ऑनलाइन खरीदी के चलते लोग बाजार नहीं पहुंच रहे है। अपनी आवश्यकता की सामग्री घर बैठे ऑनलाइन बुला रहे हैं। ऑन लाईन शॉपिंग में सरकार का नियंत्रण ना होने से स्थानीय व्यापारियों ने आक्रेश पनप रहा है। व्यापारियों ने ऑनलाइन शॉपिंग पर सरकार से नियंत्रण की मांग भी की है। दीपावली के पहले ऑनलाइन शॉपिंग ने स्थानीय व्यापारियों की चिंता और अधिक बढ़ा दी है। व्यापारियों ने बताया कि ऑनलाइन व्यापार से हर व्यापार को नुकसान हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार टैक्स लगाए जा रहे है, लेकिन हमारा टर्नओवर गिरता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण ऑनलाइन शॉपिंग का होना है। व्यापारियों ने बताया कि मोबाइल से लेकर कपड़ा व्यवसाय तक ऑनलाइन शॉपिंग से लाखों का नुकसान झेल रहा है। इसी तरह हार्डवेयर सहित मेडिकल व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है। ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण नगर सहित छोटे कस्बों से खरीदारों की चहल-पहल करीब खत्म सी हो गई है। अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जो दे रहे है। इससे व्यापारियों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाला डिस्काउंट भ्रमित करने वाला है। वहीं ठगी के शिकार होने की संभावना भी रहती है। एक दिन बाद धनतेरस फिर दीपावली है। ऐसे में ग्राहकों की दुकानों से दूरी चिंता का विषय है। नगर की जनसंख्या 70 हजार से अधिक है। वहीं विभिन्न व्यवसायों से संबंधित दुकानदारों की संख्या सैकड़ों में है, लेकिन हर दुकानदार आर्थिक मंदी सहित टर्नओवर की कमी से जूझ रहा है। सबसे ज्यादा असर मोबाइल, कपड़ा, फुटवीयर, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। त्योहारों के सीजन में ग्राहकों के लिए कितना स्टॉक कर रखें यह तय नहीं हो पा रहा है।


बेरोजगार हो रहे लोग
देश सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई कंपनियां भी ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनियों को तवज्जो दे रही है। ऐसे में रिटेलर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। देश के हजारों रिटेल काउंटर बंद होने की कगार पर है। वहीं कई युवाओं को नौकरी से निकाला जा चुका है। इससे बेरोजगारी तो बढ़ ही रही है। वहीं व्यापार भी चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब रिटेल काउंटर पर ग्राहकों का आना बंद हो जाएगा। पिछले 1-2 वर्षों में कई बड़े व्यापारियों ने अपने यहां स्टाफ कम कर दिया है। वर्तमान में दुकानदारों को बिक्री कम होने से कई खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों की हो रही है, जिन की दुकानें किराए से ली हुई है, उन्हें अपने लाभ में किराए सहित अन्य खर्चों को निकालना पड़ता है। ऐसे में उन्हें ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।


रिटेल काउंटर पर प्रभावित हुई सेलिंग
मोबाइल दुकान संचालक मोन्टी अग्रवाल, प्रमोद जयसवाल, राजीव विरानी आदि ने बताया कि मोबाइल बिक्री ऑनलाइन होने से रिटेल काउंटर पर सेलिंग प्रभावित हुई है। ऑनलाइन कंपनियां मोबाइल में जो डिस्काउंट देती है उससे ग्राहक आकर्षित हो रहे हैं। इसलिए ऑनलाइन पर बिक्री बढ़ रही है। हालांकि ऑनलाइन खरीदी के बाद ग्राहकों को सर्विस उस तरह से नहीं मिल पाती जिस तरह से रिटेलर दे सकते हैं। वर्तमान में ग्राहक पहले मोबाइल सहित अन्य एसेसरी का दाम देखता है। उसके बाद के रिटेल काउंटर पर मोलभाव करता है। कई बार ग्राहकों को बिना मुनाफे के बिक्री करनी पड़ती है। कुछ महीनों में ऑनलाइन व्यापार में बढ़ोतरी के कारण रिटेलर को नुकसान हुआ है।


ऑनलाइन खरीदी और बिक्री को करें नियंत्रित
इलेक्ट्रॉनिक दुकान संचालक अनुभव जैन ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री बढऩे से रिटेल काउंटर पर ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। कई बार शिकायत पर मिलती है कि जो आइटम ऑनलाइन बुलाए गए है, उनमें कुछ खराबी आती है। जिसे सुधारना या वापस करना आसान नहीं होता। सरकार को चाहिए कि ऑनलाइन खरीदी और बिक्री को इस तरह नियंत्रित किया जाए। इससे रिटेलर को नुकसान ना हो। मेडिकल दुकान संचालक आकाश पटेल ने बताया कि मेडिकल से जुड़ी दवाइयों और अन्य सामानों की बिक्री भी अब ऑनलाइन होने लगी है। इस कारण से कंपटीशन बढ़ गया है। ऑनलाइन शॉपिंग के कारण मेडिकल संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। हमें लाखों रुपए इंवेस्ट करने पड़ते है, लेकिन ऑनलाइन व्यापारी हमारे व्यापार को नुकसान पहुंचा रहे।

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