वहीं अधिकमास के कारण मई में विवाह मूहूर्त कम रहेंगे। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है और यह मलमास की श्रेणी में आता है। इस कारण इस माह में मांगलिक कार्य नहीं होते। इस बार अधिकमास ज्येष्ठ महीने में पड़ रहा है और ज्येष्ठ मास में ही शादी के अच्छे मूहूर्त होते हैं। इसलिए मई और जून में विवाह के योग कम बन रहे हैं। अधिकमास 16 मई से शुरू होगा, जो 13 जून तक रहेगा। इसलिए इन दोनों माह में विवाह मूहूर्त कम होने से शहनाई कम गूजेंगी।
चार बार लगेगा शादियों पर विराम
पूरे साल में चार बार विवाह मुहुर्त पर विराम लगेंगे। जनवरी में शुक्र अस्त रहने से विवाह कार्य नहीं हो सकेंगे। 15 मार्च से 16 अप्रैल के बीच खरमास अर्थात सूर्य मीन राशि में रहेगा। मीन की सक्रांति में विवाह वर्जित माने गए हैं। इससे विवाह कार्य नहीं होंगे। इसी तरह अधिकमास 16 मई से शुरू होगा, जो 13 जून तक रहेंगे। इस अवसर पर विवाह योग नहीं है। देवउठनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। मगर नवम्बर माह में गुरु का अस्त रहने से विवाह योग नहीं बन रहे हैं।
पूरे साल में चार बार विवाह मुहुर्त पर विराम लगेंगे। जनवरी में शुक्र अस्त रहने से विवाह कार्य नहीं हो सकेंगे। 15 मार्च से 16 अप्रैल के बीच खरमास अर्थात सूर्य मीन राशि में रहेगा। मीन की सक्रांति में विवाह वर्जित माने गए हैं। इससे विवाह कार्य नहीं होंगे। इसी तरह अधिकमास 16 मई से शुरू होगा, जो 13 जून तक रहेंगे। इस अवसर पर विवाह योग नहीं है। देवउठनी एकादशी के बाद मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। मगर नवम्बर माह में गुरु का अस्त रहने से विवाह योग नहीं बन रहे हैं।
2018 में किस माह कितनी शादियां
जनवरी- शुक्र अस्त होने कारण एक भी विवाह मुहूर्त नहीं
फरवरी- 3, 4, 6, 7, 18
मार्च- 3, 5, 7, 8, 12
अप्रैल- 18, 19, 20, 24, 25, 26
मई- 1, 3, 5, 6, 9, 12
जून- 17 से 22, 25, 27, 29
जुलाई- 2 2, 3 , 5, 6, 10, 11, 15
दिसंबर- 10, 11, 13, 14, 15
जनवरी- शुक्र अस्त होने कारण एक भी विवाह मुहूर्त नहीं
फरवरी- 3, 4, 6, 7, 18
मार्च- 3, 5, 7, 8, 12
अप्रैल- 18, 19, 20, 24, 25, 26
मई- 1, 3, 5, 6, 9, 12
जून- 17 से 22, 25, 27, 29
जुलाई- 2 2, 3 , 5, 6, 10, 11, 15
दिसंबर- 10, 11, 13, 14, 15