scriptबीमार इंसान को उठाकर कर बैठाल सकता है सिर्फ योग | Only yoga can lift a sick person | Patrika News

बीमार इंसान को उठाकर कर बैठाल सकता है सिर्फ योग

locationमंडलाPublished: Jun 22, 2022 01:33:01 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

पंतजलि समिति ने दिलाई शपथ

बीमार इंसान को उठाकर कर बैठाल सकता है सिर्फ योग

बीमार इंसान को उठाकर कर बैठाल सकता है सिर्फ योग

मंडला. पत्रिका के योग महोत्सव पर्व पर केन्द्रीय विद्यालय स्कूल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। नगर से केन्द्रीय विद्यालय बड़ी खैरी मण्डला में धूमधाम से मनाया गया। आयोजित योग शिविर में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों के साथ योग किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन बच्चों को योग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया। इस अवसर पर पंतजलि समिति के योग शिक्षक सुनील बाली, सम्पत्त श्रीवास, एवं अरविन्द ज्योतिषी द्वारा विद्यालय में योग कराया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन बच्चों को योग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया। योग शिक्षक सुनील बाली ने योग के महत्व को बताते हुए योग प्रारंभ किया गया।
इस दौरान केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य उपेन्द्र कुमार पाण्डे के साथ शिक्षक मनोज हरदहा, सतेन्द्र कुमार सोनी, हंशराज मीना, प्रियंका शर्मा, हिना दुबे, मुक्की गौर,पुनीत सिंह सिकरवार, सुचिता केशरवानी, गजेन्द्र सोनी, मयंक सोनकर, उषा रानी, उमेश चौरसिया, राजेश चौरसिया, धमेन्द्र कुमार पटेल, ज्योति अग्रेहरी, मोहित दुबे, किरन सोनी, शिवानी, सिफाली चौधरी, अनुकृति सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सुनील बाली ने बच्चों को विभिन्न आसन व प्राणायामों के बारे में व उनसे होने वाले लाभ के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार एवं कर्मय आत्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है।
विद्यालय के प्राचार्य उपेन्द्र कुमार पाण्डे ने भी बच्चों को योग के बारे में विस्तार से बताया तथा योग से होने वाले शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक फायदों को गिनाया। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव है।
योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अन्दर जागरुकता उत्पन्न करता है तथा प्राकृतिक परिवर्तनों से शरीर में होने वाले बदलावों को सहन करने में सहायक हो सकता है। साथ ही अंत में योग शिक्षक के द्वारा शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए योग करने का शपथ भी दिलाया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो