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मरीजों को समय पर नहीं मिल रही टेस्ट रिपोर्ट

locationमंडलाPublished: Dec 01, 2021 08:59:03 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

संपूर्ण इलाज पाने के लिए भटक रहे मरीज

Patients are not getting test reports on time

Patients are not getting test reports on time

मंडला. का इलाज हुहै, कभु हुहै, कच्छु पता नई, सुबह से पेट दरद लेकर बइठ है। रिपोट मांगथ है डाक्टर, उते कहथ है रिपोट शाम को मिलबे, तो इलाज कब हुइए। दोपहर तो हुई गई। ये कहते कहते पार्वती बाई खीझ उठी। उनके पति के पेट में दर्द है। मोहगांव के चाबी क्षेत्र से आई पार्वती ने अपने पति परसू का कई जगह इलाज कराया लेकिन अब तक पेट दर्द से निजात नहीं मिला तो सोमवार को अपने पति को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गई। वहां चिकित्सक ने कुछ बायोकेमिस्ट्री टेस्ट लिखे। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में ब्लड दिया लेकिन रिपोर्ट दोपहर 2.30 बजे के बाद मिलने की बात कही गई। इस कारण परसू निराश हैं और उनकी पत्नी पार्वती बेहद गुस्से में। लेकिन जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की यह वास्तविक परेशानी भी है और अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था भी कि सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1.30 बजे तक ओपीडी से भेजे जाने वाले मरीजों के सिर्फ सैंपल लिए जाते हैं उन्हें रिर्पोर्ट लंच टाइम के बाद ही मिलती है। तब तक ओपीडी के चिकित्सक वापस चले जाते हैं और शाम को आते भी नहीं। ऐसे में दूर दराज के गांव से आने वाले मरीज और उनके परिजनों को या तो वापस जाना पड़ता है या फिर अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है ताकि रिपोर्ट लेकर अगली सुबह चिकित्सक से जाकर मिलें और इलाज शुरू हो सके।
अलग अलग समय निर्धारित
जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में स्टाफ की बेहद कमी है। यही वजह है कि सैंपल कलेक्शन, टेस्ट लगाने और उसके बाद टेस्ट रिपोर्ट देने का अलग अलग समय निर्धारित किया गया है। पैथोलॉजी स्टाफ का कहना है कि सुबह 8 बजे से उनकी ड्यूटी शुरू हो जाती है लेकिन ओपीडी से मरीज उनके पास 10.30 बजे के बाद ही पहुंचते है क्योंकि ओपीडी में अधिकतर चिकित्सक 10.30 के बाद ही उपलब्ध हो पाते हैं। 1.30 बजे तक सैंपल लिया जाता है और दूसरी तरफ उनके टेस्टिंग की जाती है। लंच खत्म होने के बाद दोपहर 2.30 बजे के बाद से टेस्ट रिपोर्ट मरीजों को देना शुरू किया जाता है। स्टाफ का कहना है कि यदि टेस्ट लगाने और रिपोर्ट देने का समय साथ साथ हो तो बड़ी भीड़ जुटने लगती है और पूरी व्यवस्था बिगड़ जाती है। रिपोर्ट लेने और संैपल देने वालों में अक्सर विवाद की स्थिति निर्मित हो चुकी है। यही कारण है कि सभी के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है।
स्टाफ की कमी
मिली जानकारी के अनुसार, पैथोलॉजी में स्टाफ की बेहद कमी है। स्वीकृत पद और रिक्त पदों में बेहद कम अंतर है। ज्यादातर पद रिक्त पड़े हैं। यही कारण है कि मरीजों को समय पर टेस्ट रिपोर्ट देना चुनौती बन चुका है। पैथोलॉजी में स्टाफ की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बायोकेमिस्ट और लैब अटेंडेंट के सभी पद रिक्त हैं। यहां बायोकेमिस्ट के दो और लैब अटेंडेंट के चार पद स्वीकृत हैं और सभी रिक्त हैं। लैब टेक्नीशियन का एक पद रिक्त है और सिर्फ लैब असिस्टेंट के सभी स्वीकृत पद भरे हुए हैं।

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