जिला अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, कर दिए जाते हैं रैफर
मंडलाPublished: Dec 20, 2018 06:45:39 pm
मात्र 13 चिकित्सक पदस्थ है
AYUSH Hospital, a trusted Ayurvedic worker in the district
मंडला। ऐसा जिला अस्पताल, जहां
चिकित्सक ही न हों तो वहां मरीजों
का क्या खाक इलाज होता होगा, यह
जाहिर है। आदिवासी बहुल्य जिले
के जिला अस्पताल के भी यही हाल
है। अस्पताल भवन तो है लेकिन
पदों पर चिकित्सक नदारद। ऐसे
अस्पताल को आईएसओ प्रमाण भी
दिया गया है। चिकित्सक न होने के
कारण अस्पताल में आने वाले
ज्यादातर मरीजों को पर्याप्त इलाज
नहीं मिलता, सिर्फ काम चलाउ
दवाइयां देकर घर उनको रवाना
किया जाता है। उन मरीजों का ही
इलाज यहां किया जा रहा है जो सर्दी,
खांसी, जुकाम, बुखार आदि से
पीडि़त हैं। यदि इससे कुछ अधिक
हुआ तो अस्पताल प्रबंधन के पास
सिर्फ एक ही विकल्प है मरीज को
जबलपुर स्थित मेडिकल कॉलेज
रेफर कर दिया जाए। ऐसी भर्राशाही
इसलिए है क्योंकि अस्पताल में
चिकित्सकों के 20 पद खाली हैं और
मात्र 13 चिकित्सकों के सहारे पूरा
जिला अस्पताल चलाया जा रहा है।
अस्पताल में पूरे जिले भर से रोजाना
सैकड़ों मरीज पहुंच रहे हैं। चाहे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हों,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या
उपस्वास्थ्य केंद्र। यहां से भी प्रतिदिन
दर्जनों मरीज जिला अस्पताल रेफर
किए जा रहे हैं लेकिन यहां इलाज
के बजाय उन्हें जबलपुर स्थित
मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा
है क्योंकि मरीजों का इलाज करने
के लिए जिन चिकित्सकों की
आवश्यकता है। उनके सिर्फ पद
स्वीकृत हैं, उन पदों पर चिकित्सकों
की भर्ती आज तक नहीं की गई है।
यही कारण है कि जिला अस्पताल
प्रबंधन के पास भी मरीजों को रेफर
करने के अलावा अन्य कोई विकल्प
उपलब्ध ही नहीं।
जिला अस्पताल में 10
चिकित्सकीय विंग के लिए 33
चिकित्सकों की पदस्थापना की
जानी चाहिए। इतने पद स्वीकृत भी
हैं लेकिन मात्र 13 चिकित्सकों की
भर्ती यहां की गई है। ऐसे में जो
चिकित्सक उपलब्ध हैं वे सिर्फ
मरीजों को पर्ची और कामचलाउ
दवाइयां देकर रवाना कर रहे हैं।
सबसे अधिक परेशानी महिलाओं,
बच्चों और जच्चा-बच्चा को हो रही
है। एक ओर स्वास्थ्य विभाग का
दावा है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर
को कम करने के लिए लगातार
प्रयास जारी हैं। वहीं दूसरी ओर
जिला अस्पताल में स्त्री रोग
चिकित्सक के चार पदों में से सिर्फ
एक पर ही चिकित्सक की भर्ती की
गई है। जिला अस्पताल में शिशुओं
का इलाज करने के लिए भी सिर्फ
एक ही चिकित्सक उपलब्ध है
जबकि स्वीकृत पदों की संख्या सात
है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि
जिले भर से यहां इलाज के लिए
पहुंचने वाली महिलाओं और उनके
बच्चों का कैसा उपचार किया जाता
होगा।
फैक्ट फाइल
विभाग स्वीकृत उपलब्ध
सर्जरी 02 01
मेडिकल 04 03
स्त्री रोग 04 01
शिशु रोग 07 01
अस्थि रोग 03 02
नेत्र रोग 02 01
ईएनटी रोग 02 01
पैथोलॉजी 03 01
रेडियोलॉजिस्ट 03 01
एनेस्थेसिया 03 01