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नोटों को बंद करने के पीछे है ‘गुजराती’ कनेक्शन! ये खबर आपको भी डाल देगी हैरत में

locationमंडलाPublished: Nov 10, 2016 03:58:00 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

मोदी सरकार के पांच सौ और एक हज़ार रूपए के नोटों को बंद करने के ऐतिहासिक फैसले के पीछे गुजराती कनेक्शन भी है। आखिर क्या है ये कनेक्शन जानिये इस खबर में।


क्या आप जानते हैं कि देश में को बंद करने के पीछे गुजरात कनेक्शन काम कर रहा है। नहीं पता तो इस खबर को पढ़कर आप खुद जान जाएंगे कि भारत में चलन में आये नोटों को अचानक से बंद करने और नए नोट जारी करने के पीछे ऐसा ही कुछ कनेक्शन काम कर रहा है।




इस बात को आसानी से जानने के लिए आपको थोड़ा फ्लैशबैक पर जाने की ज़रुरत है। याद कीजिये वो वक्त जब तत्कालीन मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में नोटों को बंद करने और इनमे बदलाव लाने के कदम उठाये गए थे। 



साल 1978 में देसाई सरकार ने एक हज़ार, पांच हज़ार और दस हज़ार रूपए के नोटों को बंद करने का फैसला लिया था। इन मूल्यों के ये नोट दरअसल, बैंक नोट कहलाते थे जिन्हें 1954 में जारी किया गया था। सरकार ने इन सभी को जनवरी 1978 में वापस ले लिया था। 




देसाई सरकार ने जब ये बड़ा फैसला लिया था तब भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर इंद्रप्रसाद गोर्धनभाई पटेल थे। मोरारजी देसाई और गोर्धनभाई पटेल की जोड़ी गुजराती थी।



अब ज़रा ताज़ा दौर पर गौर फरमाएं। इतने लंबे अंतराल बाद जब देश में 500 और एक हज़ार रूपए कीमत के नोटों को बंद करने का फैसला लिया गया है तब गुजरात से ही ताल्लुक रखने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री है और उर्जित पटेल आरबीआई के गवर्नर हैं।



ऐसे में नोटों में बदलाव के इस गुजराती कनेक्शन का संयोग होना कहा जाए या फिर कुछ और लेकिन ये कनेक्शन वाकई दिलचस्प ज़रूर है।
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