कागजों में बताया सीसी रोड और निकाल ली राशि
मंडला
Published: February 20, 2022 02:27:36 pm
मंडला. ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवासी अपनी मूलभूत समस्याओं को लेकर काफी परेशान चल रहे हैं। आक्रोशित ग्रामवासियों ने अब शिकायत करने का मन बना लिया है लगातार शिकायत प्राप्त हो रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवासियों को योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है और न ही ग्राम के विकास कार्यो की जानकारी भी दी जा रही है। आरोप लगाते हुए ग्रामीणो ने कहा कि सचिव, सरपंच एवं रोजगार सहायक द्वारा फर्जी बिल लगाकर राशि आहरण की जा रही है। योजना के कार्यो को कागजों में दिखाकर पंचायत पोर्टल में अपलोड किया जा रहा है। जिससें मुख्यालय में बैठे अधिकारी को लगे कि पंचायती अमला पूर्ण कार्यो का बिल लगा रहा है। ऐेसा ही एक मामला विकासखंड घुघरी के ग्राम पंचायत गरैया का सामने आया है। जहां अनेकों सीसी रोड अधूरी पड़ी हुई हैं और फर्जी बिल लगा कर राशि पूरी निकाल ली गई है। एक रोड बारेलाल के घर से सुग्रीव के घर तक बनाई ही नहीं गई और पूरी राशि का आहरण कर ली गई है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा प्रमाणों सहित की गई है।
ग्रामीणों की शिकायत के बाद शुरू हुआ काम
जानकारी अनुसार ग्रामीणों द्वारा पंचायतीय अमला के शिकायत के बाद एक अधूरी रोड को पूरा करने का काम शुरू हुआ था, किन्तु फिर बंद कर दिया गया है। यहां पिछले अनेक निर्माण कार्यों का मजदूरी भुगतान भी नहीं किया गया है। समझ के परे है कि यहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सरपंच के खाते में पंचायत की राशि कैसे डाल दी गई।
वहीं ग्राम के स्थाई निवासियों के कहना है कि रोजगार सहायिका के पति अघोषित रूप से ठेकेदारी का काम करते हैं तभी तो यहां एक छोटे से नाले से थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ना जाने कितनी राशि के चार स्टापडेम गुणवत्ता विहीन बना दिए गए और पांचवे स्टापडेम बनाने की तैयारी चल रही है। क्योंकि पुलिया व स्टापडेम कम लागत में निर्मित हो जाते हैं और मूल्यांकन अधिक राशि का हो जाती है। इसलिए ग्रामवासियों की मांग को कागजों में पूरा कर दिया जाता है कोमल पिता हजारी का खेत तालाब भी पूरा नहीं बनाया गया है। यहां लोगों के समय पर जन्म प्रमाणपत्र तक नहीं बन पा रहे हैं तो अन्य योजनाओं का लाभ कैसे मिलता होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर लगाए आरोप
सरकार के प्रतिनिधि अपनी योजनाओं का चाहे जितना ढिंढोरा पीटते रहें। किन्तु धरातल तो हकीकत बयां कर ही देता है फिर भी जिम्मेदार देखने सुनने व मानने को तैयार ही नहीं हैं लगने लगा है कि पंचायतीराज तो सिर्फ पुस्तकों में सिमटकर रह गया है। इसके संचालन के लिए बनाए गए नियम सिर्फ पढऩे के लिए हैं। जिले में इसका कोई उपयोग होता नहीं दिख रहा है। स्थानीय लोगों को कुछ बताया ही नहीं जाता कि उनके गांव में कौन से काम कितनी राशि के किस मद से कराए जा रहे हैं और अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं। इस पंचायतीराज में ग्रामवासियों का कोई औचित्य समझा में नहीं आता सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री और संबंधित अधिकारी ही मनमानी कर रहे हैं। ग्रामवासियों को बाद में पता चलता है जब कागजों में विकास की कहानी लिख कर राशि की होली खेल ली जाती है।
दिखा दिया योजना, नहीं दिया पानी
वहीं दूसरी ओर इस पंचायत में पीएचई विभाग ने भी मौंके का पर्याप्त फायदा उठाया गया है यहां वर्ष 2017-18 में एक बार पाईपलाइन बिछा दी गई थी सप्लाई टंकी भी दिखाने के लिए लगी हैं किन्तु इस योजना से एक बूंद पानी नहीं मिला और अब पुन: जल जीवन मिशन के तहत पूरे गांव में ओपन पाइप लाइन डाल दी गई है। घरों में नल के कनेक्शन भी कर दिए गए हैं 6 माह हो गए। अभी तक दुबारा भी इस विभाग का पानी किसी को नहीं मिल पाया है और ओपन डली पाइप लाइन टूट रही हैं।
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