नर्मदा को हरियाली की चादर समर्पित करने युवाओं की पहल
मंडला
Published: February 21, 2022 01:07:59 pm
मंडला। सरकार द्वारा मां नर्मदा को हरियाली की चादर ओढ़ाने की बात कही जाती रही है जिसका मतलब है कि नर्मदा तटों में अधिक से अधिक पौधरोपण किया जाएगा ताकि लगातार बाढ़ से नर्मदा नदी के किनारों में जो कटाव हो रहा है उसमें कमी आ सके। इसी के साथ पौधे अधिक लगाने से पर्यावरण में भी सुधार हो सकेगा लेकिन फिलहाल तो सरकार की यह योजना ही अधर में दिखाई दे रही है। यही नहीं भले सरकार द्वारा नर्मदा तटों में पेड़-पौधे लगाने की बातें कही जाएं, जबकि इसके उलट जो पेड़ पौधे नदियों के किनारे पहले से लगे हुए हैं उन्हें माफियाओं द्वारा लगातार काटा जा रहा है, इन पेड़ों की लकडिय़ों का उपयोग नदी तटों में लगाए गए वैध-अवैध ईंट भट्टों में किया जा रहा है।
नानाघाट में युवकों स्वयं के प्रयासों से बना दिया बगीचा
शहर में नर्मदा तट अंतर्गत आजाद वार्ड के नानाघाट में कुछ युवकों ने मिलकर बगैर किसी सरकारी सहायता के एक छोटा सा बगीचा तैयार कर लिया है। जिसमें फूलदार और फलदार पौधे लगाए गए हैं। अमन दुबे ने बताया कि उन्होंने देखा कि हर बार नर्मदा में आने वाली बाढ़ से नर्मदा तटों का जमकर कटाव हो रहा है। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि जो पेड़ों की जड़े मिट्टी को बांधे रखती हैं, नर्मदा तटों से लगातार पेड़ काटे जाने से अब पहले की अपेक्षा पेड़ों की संख्या काफी कम हो गई है। हर साल बाढ़ की स्थिति में जमकर कटाव हो रहा है। इसी के साथ नर्मदा जी में दर्शन-पूजन करने आने वाले श्रद्धालुओं को फूलों के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है। अमन दुबे ने बताया कि वे रोजाना मां नर्मदा के दर्शनों के लिए जाते हैं, नर्मदा किनारे बैठकर कुछ समय ध्यान लगाते हैं इस दौरान उनके मन में यह विचार आया कि क्यों न नर्मदा तट में पौधे लगाए जाएं, इससे नर्मदा दर्शन-पूजन करने आने वाले लोग यहां कुछ समय बैठकर प्राकृतिक हरियाली के बीच मां नर्मदा का ध्यान, पूजन-अर्चन कर सकेंगे।
अमन ने बताया कि उन्होंने अपने मित्रों सौरभ बर्मन, शुभम बरमैया, कंतू बरमैया, मिंटू बर्मन, विकास झारिया, गणेश महान से इस संबंध में चर्चा की तो अमन का यह विचार उसके मित्रों को काफी अच्छा लगा और अगले ही दिन से अमन और उसके मित्र नानाघाट पहुंचे और किसी ने यहां लगी झाडिय़ों की सफाई शुरू की, किसी ने पौधे लगाने के लिए गड्ढा करना शुरू किया। इन इन युवकों का प्रयास सफल होता दिखाई दे रहा है कई पौधे बड़े हो गए हैं जिनमें तरह-तरह के फूल लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। यहां अनार, चीकू, पीपल, कदम, आंवला, पारिजात, समी, जामुन, आम आदि के पौधे लगाए गए हैं।
कड़ी ठंड में करते रहे बागवानी
अमन दुबे ने बताया कि इस काम की शुरूआत उन्होंने अक्टूबर 2021 से की, चूंकि सभी साथियों में कोई पढ़ाई कर रहा है कोई किसी रोजगार में है इसलिए सभी साथियों ने यह निर्णय लिया कि बहुत सुबह नर्मदा तट नानाघाट में पहुंचकर बागवानी करेंगे। नवम्बर-दिसम्बर में जब सुबह-सुबह तेज ठण्ड,कोहरे के बीच लोग अपने घर में गर्म कपड़ों में सो रहे होते थे तो ये युवक नर्मदा जी के किनारे पहुंचकर पौधों की सुरक्षा के लिए बाड़ लगाना, पहले से अधिक क्षेत्र में पौधे लगाने के लिए स्थान की साफ-सफाई में जुटे रहते थे।
चंदा कर जुटाई राशि, फिर कराई फेंसिंग
अमन दुबे ने बताया कि उनके इस काम में स्थानीय वार्ड पार्षद सरिता महान का भी काफी सहयोग, मार्गदर्शन मिला। अमन ने बताया कि पौधे लगाने के बाद सबसे जरूरी इनकी सुरक्षा करना भी था इसलिए उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर कुछ राशि एकत्रित की और उस राशि से लोहे की जालियों की खरीदी की गई जिसे लगाए गए बगीचे के आसपास लगाकर पौधों को आवारा मवेशियों से सुरक्षित किया गया।
इनका कहना है।
वार्ड के कुछ युवकों ने मिलकर नानाघाट में छोटा सा पार्क तैयार कर लिया है, जोकि काफी सराहनीय कदम है। नगरपालिका के सहयोग से नानाघाट के पास खाली जमीन पर और अधिक फलदार-फूलदार पौधों का रोपण कराया जाएगा।
सरिता महान, पार्षद, आजाद वार्ड
नर्मदा तट में हरियाली बेहद जरूरी है, चूंकि नर्मदा तट में पौधरोपण के लिए आसानी से मिट्टी के साथ सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध हो जाता है इसलिए अधिक से अधिक लोगों को चाहिए कि वे नर्मदा तट में पौधरोपण करें।
अमन दुबे, स्थानीय युवा
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