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पुलिस अस्पताल खुद हो गया है बीमार

locationमंडलाPublished: Dec 12, 2019 04:49:38 pm

Submitted by:

Sawan Singh Thakur

मलहम पट्टी तक सीमित, भर्ती करने की सुविधा नहीं

पुलिस अस्पताल खुद हो गया है बीमार

पुलिस अस्पताल खुद हो गया है बीमार

मंडला। जिला मुख्यालय स्थित पुलिस लाइन में बना पुलिस अस्पताल नाममात्र के लिए अस्पताल रह गया है। बाहर से देखने पर भी किसी को अस्पताल नजर नहीं आता क्योंकि यहां किसी तरह का सूचना पटल या बोर्ड नहीं लगाया गया है। पुलिस अस्पताल में पुलिसकर्मी और उनके परिजनों को चिकित्सा परामर्श दिया जाता है। सामान्य मरीजों को दवाई भी दी जाती है। यहां गंभीर मरीजों को भर्ती करने की कोई सुविधा नहीं है और न ही किसी प्रकार की शल्य चिकित्सा की जाती है। ऐसे मरीजों को सीधे जिला अस्पताल या मेडिकल रेफर कर दिया जाता है।
नहीं है चिकित्सक
पुलिस विभाग के अस्पताल में वर्षों से कोई डॉक्टर ही नहीं है। जानकारी के अनुसार पुलिस अस्पताल में कुल स्वीकृत पद 7 है। जिनमें वर्तमान समय में चार कर्मचारी की पदस्थ हैं। उनमें से भी 2 कर्मचारी अपने विभाग के उच्चाधिकारियों के पास अटैच है। जानकारी के अनुसार डॉक्टर जीके श्रीवास्तव के 1997 में रिटायर्ड होने के बाद डॉक्टर जीएस कोरी ने पुलिस अस्पताल के डॉक्टर का पदभार ग्रहण किया जो 2013 तक अस्पताल में पदस्थ रहे। प्रमोशन के बाद डॉक्टर कोरी जिला अस्पताल चले गए। डॉक्टर कोरी के बाद किसी भी डॉक्टर की पदस्थापना पुलिस अस्पताल में नहीं हो सकी है। 6 सालों से यहां डॉक्टर का पद खाली है वर्तमान समय में एएनएम सुलोचना चंद्रवंशी पुलिस अस्पताल में अटैच है। जानकारी के अनुसार, कभी कभार ही अस्पताल पहुंचती है। पुलिस अस्पताल में पदस्थ कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार डॉ सुमित सिंगौर को पुलिस अस्पताल में सप्ताह में 1 दिन शनिवार को 1 घंटे अपनी सेवाएं देने के लिए निर्देशित किया गया है लेकिन आज तक डॉ सुमित सिंगौर कभी अस्पताल नहीं पहुंचे है।
अस्पताल में कुल स्वीकृत पद – 7
नरसिंग अर्दली – नरेंद्र श्रीवास्तव
वाटर मैन – पुरुषोत्तम उइके
कुक मैन – श्रीराम बघेल
स्वीपर – पार्वती वंशकार
शेष सभी पद खाली है।
बॉक्स
पुलिस अस्पताल में वर्तमान समय में 4 चार कर्मचारी पदस्थ है लेकिन उनमें से वाटर मैन पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं कुक मैन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अटैच है। डॉक्टर के नहीं होने से अस्पताल में किसी प्रकार का कार्य नहीं हो पा रहा है। नरसिंग अर्दली के पद में नरेंद्र श्रीवास्तव और स्वीपर पार्वती वंशकार प्रतिदिन अस्पताल तो खोलते है लेकिन काम नहीं होने से खाली बैठे रहते है।
अस्पताल के लिए पत्राचार किया गया है। जिस पर सीएमएचओ द्वारा डॉक्टर सुमित सिंगौर को सप्ताह में एक दिन इलाज करने के लिए नियुक्त किया गया है। चूकि जिला चिकित्सालय में ही डॉक्टरों की कमी है इसलिए पुलिस अस्पताल में स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
कमलेश परस्ते, आरआई, पुलिस लाइन, मंडला।

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