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मंडला

गर्भवती-प्रसूताओं की खुराक से खिलवाड़

न दूध मिल रहा न मेवा-लड्डू

मंडलाOct 19, 2019 / 03:05 pm

Mangal Singh Thakur

Pregnant-maternity supplements

Pregnant-maternity supplements

मंडला. आदिवासी बहुल्य अंचल में गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं में कुपोषण और रक्त-अल्पता की शिकायतें होना आम बात है। भोजन में पौष्टिक आहार लेने की सलाह जिले में इसलिए बेअसर होती जा रही हैं क्योंकि ग्रामीण अंचलों में परिवार आज भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। यही कारण है कि जिला अस्पताल के भर्ती प्रसूतिकाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषणयुक्त आहार का नि:शुल्क वितरण अनिवार्य कर दिया गया है। निर्धारित मीनू के अनुसार, प्रसूतिकाओं को नाश्ते में दूध और मेवा या लड्डू अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन जिला अस्पताल में भर्ती प्रसूतिकाओं और गर्भवती महिलाओं में अधिकतर को दूध उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। प्रसूतिकाओं का कहना है कि उन्हें नाश्ते में मेवा-लड्डू आज तक नहीं दिया गया। प्रसूतिका वार्ड में वर्तमान में तीन महिलाएं ऐसी है जो एक सप्ताह से भर्ती हैं। उन्हें दूध भी नियमित रूप से उपलब्ध नहीं कराया जाता। कभी दूध वितरण होता है कभी नहीं। वार्ड में भर्ती महिलाओं को पता ही नहीं कि मेवा-लड्डू दिए जाने की भी अनिवार्यता है। एक सप्ताह से भर्ती महिलाओं में से किसी को भी लड्डू-मेवा वितरण आज तक नहीं किया गया।
कभी बंटता है कभी नहीं
प्रसूतिका वार्ड में भर्ती महिलाओं में से ज्यादातर को दूध नहीं मिलता। भर्ती महिलाओं ने बताया कि 18 अक्टूबर को वार्ड में भर्ती किसी महिला को दूध वितरण नहीं किया गया। दूध वितरण मे भी जमकर मनमानी बरती जा रही है। दूध वितरण करने वाले कर्मचारी वार्ड के दरवाजे पर आकर आवाज लगाते हैं, पांच मिनट वार्ड कक्ष के बाहर इंतजार करते हैं और तत्काल चले जातेे हैं। वार्ड में भर्ती महिलाओं का कहना है कि यदि किसी मरीज की हालत इतनी खराब है कि वह उठ नहीं सकती और उसके परिजन उसके आसपास न हो तो उसे तो दूध मिलता ही नहीं क्योंकि दूध लेने के लिए बाहर जाना पड़ता है। वार्ड की मरीजों का कहना है कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि वार्ड में भर्ती प्रत्येक मरीज को दूध वितरण किया जाए। यदि कोई मरीज शौच के लिए गया हो तो वह भी दूध से वंचित हो रहा है। दूध वितरण करने के लिए आने वाले कर्मचारी कम से कम समय तक रुकना ही पसंद करते हैं।
मरीजों की व्यथा-
* राजेश्वरी, घोंटा- मै तीन दिनों से भर्ती हूं, न दूध मिला और न लड्डू-मेवा
* प्रेमलता, मेढ़ा- मुझे भी आज तक दूध नहीं मिला। लड्डू भी नहीं
* सुनीता मार्को, पलेहरा- मुझे पता ही नहीं कि अस्पताल में मरीजों को लड्डू भी मिलता है। दूध रोज नहीं मिला।
* सोनकली, सीता पुखनी- दूध मिलता है कभी नहीं मिलता
अस्पताल में प्रदाय किए जाने वाले भोज्य पदार्थ की सूची

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