मंडलाPublished: May 26, 2019 12:22:20 pm
Mangal Singh Thakur
मंडला-जबलपुर मार्ग निर्माण के लिए नारायणगंज से निकली पदयात्रा
khooni sadak ka rahasya
मंडला. नेशनल हाइवे की जर्जर हालत को सुधारने के लिए समाजसेवियों और आम नागरिकोंं ने अभियान छेड़ दिया है। पिछले चार वर्षों से अधूरे पड़े हाइवे पर फूटे आक्रोश का ही परिणाम है कि यह विरोध प्रदर्शन चार दिनों तक लगातार चलेगा और अधूरे पड़े मार्ग को जल्द से जल्द पूरा करने चरणवार आंदोलन किया जाएगा। इसकी शुरूआत 25 मई से कर दी गई है। मंडला-जबलपुर मार्ग निर्माण को लेकर ग्रामीण व किसान पंचायत मजदूर महासभा द्वारा शनिवार को नारायणगंज से पदयात्रा प्रारंभ की गई। नारायणगंज मुख्यालय से पदयात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं का किसान कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक ने तिलक वंदन किया। यात्रा देर शाम चिरईडोंगरी पहुंची जहां पर ग्रामीणों से संवाद परिचर्चा की गई।
चल रही सिर्फ खानापूर्ति
इस आंदोलन के संयोजक इंद्रजीत भंडारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के बरेला जबलपुर से मंडला कटरा बाईपास तक का निर्माण पिछले 4 वर्षो से अधूरा पड़ा है। मार्ग निर्माण के नाम पर ठेका कंपनी और एमपीआरडीसी के अधिकारी महज खानापूर्ति कर रहे हैं मार्ग निमार्ण की पूर्णता को लेकर धरना प्रदर्शन, आंदोलन पूर्व में किए गए नतीजा अधिकारियो ने भरोसा दिलाते हुए कहा था कि शीघ्र ही मार्ग का निर्माण पूर्ण होगा लेकिन यह आश्वासन सिर्फ झूठ का पुलिंदा साबित हुआ।
मार्ग का निर्माण 10 अगस्त 2015 को आरंभ हुआ था जो 18 माह में पूर्ण किया जाना था। लगभग 50 प्रतिशत काम अधूरा पड़ा है इस मार्ग में आए दिन हादसे हो रहे हैं, अनेक व्यक्ति चोटिल हो चुकें हैं तो दर्जनों व्यक्तियों की मौत भी हो चुकी हैं। मार्ग से लगे रहवासी क्षेत्रों के बुरे हाल हैं, दोषी अधिकारियो वे ठेका कंपनी के उपर दंडाणात्मक कार्यवाही की जाए। मार्ग निर्माण पूर्ण किए जाने को लेकर यह पद यात्रा निकाली जा रही है।
आज बबैहा तक होगी यात्रा
बताया गया है कि आज रविवार को पदयात्रा चिरईडोंगरी से आरंभ होगी जो बवैहा ग्राम पहुंचेगी। यहां पर पदयात्रा रात्रि विश्राम के साथ ग्रामीणो से संवाद चर्चा-परिचर्चा करेगी। यात्रा में सामाजिक कार्यकर्ता इन्द्रजीत भण्डारी, किसान कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक पटैल, किसान कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष दीपक बैरागी, गणेश प्रसाद पाठक, धन्नु मरावी, लाला राम वरकड़े, रामदयाल मरावी, मुकेश पन्द्रो, पतिराम मरावी, गुडडू गुप्ता, नन्द किशोर, मागन सोनी, रघुनंदन विश्वकर्मा, राजोल ज्योतिषी, कैलाश सोनी का सहयोग रहा।