गेंहू खरीदी केन्द्र में फसल लेकर नही पहुंच रहे किसा
मंडला
Updated: April 21, 2022 04:16:31 pm
मंडला। जिले में गेहूं खरीदी शुरू हुए एक पखवाड़ा से अधिक का समय बीत गया है लेकिन अब तक सरकारी केन्द्रों में गेहूं के आवक लक्ष्य के मुताबिक नहीं होने से संबंधित अधिकारियों के सामने लक्ष्य पूरा होने को लेकर संशय बना हुआ है तो वहीं केन्द्रों में काम कर रहे मजदूरों को भी चिंता सता रही है कि यदि आने वाले दिनों में भी खरीदी केन्द्र में किसान नहीं पहुंचे तो उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी।
खरीदी शुरू होने से दर्जनों मजदूरों को मिलता है रोजगार
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में किसानों की फसल खरीदी से किसानों को तो अच्छा फायदा होता ही है इसी के साथ दर्जनों मजदूरों को यहां से रोजगार भी मिल जाता है। खरीदी केन्द्र में किसानों द्वारा बेचने के लिए लाई गई फसल को वाहन से उतारने, ढेर लगाने, साफ करने से लेकर कुछ अन्य कार्य करने पर रोजाना अच्छी मजदूरी मिल जाती है, लेकिन इस बार खरीदी केन्द्रों में किसान नहीं पहुंच रहे हैं।
मजदूरों ने बताया कि जब केन्द्र में किसान अधिक संख्या में फसल बेचने के लिए पहुंचते हैं तो सामान्यत: प्रतिदिन एक-एक मजदूर को 800 से 1200 रूपए या कई बार इससे अधिक मजदूरी मिल जाती है लेकिन यह पहली बार ही है जब किसान खरीदी केन्द्र में नहीं पहुंच रहे हैं और मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है। मजदूरों ने बताया कि खरीदी केन्द्र में दो-तीन माह काम करके जो मजदूरी मिलती है उससे परिवार का भरण-पोषण होता है लेकिन इस बार मजदूर केन्द्र में किसानों के आने का इंतजार करते देखे जा रहे हैं।
गेहूूं खरीदी केन्द्र के प्रभारी ने बताया कि किसान कम संख्या में आ रहे हैं जबकि खरीदी केन्द्र में बड़ी संख्या में मजदूर काम की आश में पहुंच रहे हैं जिन्हें आसपास की मिलों या फिर अन्य जगह काम ढूंढऩे की सलाह दी जा रही है क्योंकि अब तक केन्द्र में किसान कम ही संख्या में पहुंच रहे हैं हालांकि आने वाले दिनों में कटाई पूरी होने पर गेहूं की आवक भी बढऩे की बात कही जा रही है।
बाजार में मिल रहे हैं अच्छे रेट
खरीदी केन्द्रों में किसानों का रूझान कम होने को लेकर जब कुछ किसानों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 निर्धारित किया गया है, जबकि मंडी, बाजार में गेहूं 2100 से 2200 रूपए तक खरीदा जा रहा है। इसलिए इस बार समर्थन मूल्य में बेचने से मंडी में गेहूं बेचना ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है।
इतनी हुई खरीदी
खाद्य एवं आपूर्ती अधिकारी ने बताया कि अब तक 1400 किसानों से 65000 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। वहीं अब तक करीब 14480 किसानों द्वारा गेहूं बेचने के लिए स्लॉट बुकिंग कराया गया है।
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