मंडलाPublished: Apr 22, 2019 06:45:39 pm
amaresh singh
मांग बढऩे से उत्पादन में वृद्धि होगी
बांस के फर्नीचर में बैठेंगे स्कूली बच्चे, रोजगार के अवसर मुहैया कराने की नई कवायद
मंडला। यदि शासन की मंशा कामयाब रही तो इस शैक्षणिक सत्र से शासकीय स्कूलों के बच्चों को बांस के बने फर्नीचर में बैठने का मौका मिल सकता है। दरअसल बांस की उपयोगिता को बढ़ाने, रोजगार के अवसर बनाने के प्रयास में शासन की ओर से तैयारियां शुरु हो गई हैं । उद्देश्य है कि शालाओं में उपयोग होने वाले फर्नीचर बांस के बने हों। जानकारी के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूलों में बांस से बने फर्नीचर का उपयोग करने के निर्देश लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दिए जा चुके हैं। विभागीय मुख्यालय भोपाल से जारी निर्देश में कहा गया है कि फर्नीचर में बांस का उपयोग होने से इसकी मांग बढ़ेगी। इस व्यवस्था से बांस के उत्पादन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। स्कूलों में छात्रों को पर्यावरण पर बांस के सकारात्मक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए भी कहा गया है। इस आदेश का पालन करने सभी सम्बंधित विद्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया जा रहा है कि बांस का उपयोग फर्नीचर में किया जाए। इस तरह से जिले में बांस से रोजगार प्राप्त करने वालों को भी अवसर प्राप्त होंगे और मांग बढऩे से उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
जिले में वर्षों से वंशकार समाज के लोग बांस की कमी और रोजगार की समस्या उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें वन विभाग के डिपो से मांग के अनुसार बांस की उपलब्धता नहीं होती। इससे ये पूरे साल काम नहीं कर पाते। दूसरी ओर वन अधिकारियों का कहना है कि बांस उत्पादन में कमी के कारण मांग की पूर्ति कर पाना संभव नहीं है। इस स्थिति में लगातार बांस से निर्मित सामग्री महंगी हो रही है। इसी कारण लोग प्लास्टिक से बने टोकने, सूपे, टोकनी और अन्य सामग्री का उपयोग करने लगे हैं।