scriptगोंड कालीन दो मंजिला मंदिर में स्थापित है शिवलिंग | Shivling is installed in a two-storey temple of Gond | Patrika News

गोंड कालीन दो मंजिला मंदिर में स्थापित है शिवलिंग

locationमंडलाPublished: Jan 17, 2021 10:10:18 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

खड़देवरी में स्थिति मंदिर है लोंगो की आस्था का केन्द्र

गोंड कालीन दो मंजिला मंदिर में स्थापित है शिवलिंग

गोंड कालीन दो मंजिला मंदिर में स्थापित है शिवलिंग

मंडला. गौड़कालीन शिव मंदिर लोगों के आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यहां प्रतिदिन भक्त पूजा करने पहुंचे हैं। वहीं शिवरात्री में भक्तों का तांता भी लगता है। यह मंदिर इसलिए भी खास है कि मंदिर दो मंजिला है। जिले में एक मात्र दो मंजिला मंदिर है जहां शिवलिंग स्थापित की गई है। ग्राम पंचायत पीपर पानी के खड़देवरी ग्राम में स्थित प्रचीन शिवमंदिर में महाशिवरात्री व सावन के महिने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। महाशिवरात्री में पूजा अर्चना का दौर पूरे दिन चलता है। जानकारी के अनुसार यह मंदिर का निमार्ण गौड़कालीन राजा हिरदेशाही ने करवाया है। मंदिर निर्माण में चूना गारा का उपयोग किया गया है। पूर्व में मंदिर के आसपास सीढिय़ां बनी हुई थी जिसके माध्यम से लोग दूसरी मंजिल में पहुंचते थे। पहले दूसरी मंजिल में भी शिवलिंग स्थापित था। लेकिन अब प्रथम तल में एक ही शिवलिंग बचा हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि शिवलिंग शमशान की भूमि के नजदीक बना हुआ है। पूर्व में मंदिर के समीप ही शमशान था लेकिन धीरे-धीरे वह मंदिर से दूर कर दिया गया है।


जीणोद्धार के बाद बढ़ी रौनक
वक्त के साथ जीर्ण शीर्ण हाल में पहुंच चुके मंदिर के मरम्मत के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जबलपुर की पहल के बाद मंदिर के आसपास समतलीकरण कर बॉऊंड्रीवॉल बनाया गया है। इसके साथ ही मंदिर की मरम्मत भी की जा रही। इसके लिए एक वर्ष पूर्व निर्माण सामग्री कार्यस्थल तक पहुंचा दी गई है। मंदिर की देखरेख का जिम्मा भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को दिया गया है। यहां दैनिक श्रमिक अशोक कुमार प्रतिदिन मंदिर पहुंचकर साफ सफाई व अन्य कार्य करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गौड़ राजाओं के समय में मंदिर के दूसरी मंजिल का उपयोग सुरक्षा की दृष्टि से भी किया जाता रहा होगा। रामनगर से किला तक सूचना पहुंचाने के लिए मंदिर का उपयोग एक पड़ाव के रूप में किया जाता रहा होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से मंदिर का जीर्णोद्वार कर समीप ही पार्क का निर्माण किया जाना चाहिए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो