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कहीं बारिश तो कहीं पर ओलवृष्टि, कड़ाके की ठंड शुरु

locationमंडलाPublished: Feb 17, 2019 05:20:40 pm

Submitted by:

shivmangal singh

बदले मौसम से चली सर्द हवाएं

Somewhere in the rains, ovulation, somewhat cold start

कहीं बारिश तो कहीं पर ओलवृष्टि, कड़ाके की ठंड शुरु

मंडला। दो दिन से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। जिले भर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है साथ ही सर्द हवाएं भी चल रही है। जिसके चलते पारा लुढ़का हुआ है और ठंड बढ़ गई है। मौसम का यह मिजाज शुक्रवार की शाम को और अधिक तेजी से बदला जब बादलों की गर्जना और तेज हवाओं के बीच बारिश की तेज झड़ी शुरु हुई। कुछ ही देर में चारों ओर अंधेरा बढ़ गया और बारिश भी। इस दौरान जिले के कुछ इलाको मेें ओल वृष्टि भी हुई। जिला मुख्यालय से लगभग ५५ किमी दूर स्थित नैनपुर में कुछ इलाकों में ओले गिरे और कहीं जमकर बारिश हुई। शाम को लगभग ७.३० बजे तक बारिश होती रही। इस दौरान सर्दी में बेतहाशा वृद्धि हुई और लोग ठंड में ठिठुरते नजर आए।
बारिश व ठंड किसानों के लिए राहत भरी खबर है लेकिन फिर से ठंड की वापसी ने लोगो को मुसीबत में डाल दिया है। शुक्रवार सुबह से रुक-रुक कर देर रात तक बारिश होती रही। दोपहर बाद हल्की धुप खिली लेकिन फिर से आसमान में बादलो ने डेरा डाल लिया। शाम को तेज बारिश के बंद होने के साथ ही सर्द हवाओं का दौर शुरु हो गया। जिसके चलते कंपकंपा देने वाली ठंड ने लोगों को परेशान किया है। हालांकि यह बारिश किसानों के लिए काफी राहत भरी रही है। गेहूं के लिए यह काफी फायदेमंद मानी जा रही है। जिला मुख्यालय के साथ ही ग्रामीण अंचलो में हुई बारिश के बाद किसान काफी खुश है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक विशाल मेश्राम ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण गुरुवार की सुबह से ही मौसम बदल गया। पहले बादल छाए और फिर सुबह से लेकर दोपहर तक कई बार बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग के मुताबिक बूंदाबांदी का ये दौर 15 और 16 फरवरी को भी बना रहेगा। 16 फरवरी के बाद ही मौसम का रुख दोबारा बदलेगा। बादल छाने से रात के तापमान में एक ही दिन में 6 डिग्री का इजाफा हुआ है। हालांकि दिन का तापमान बूंदाबांदी के कारण अभी गिरेगा। अधिकतम तापमान में 4 से 5 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है।

बिन मौसम बारिश का पानी फसलों को अमृत समान है। आखिरी समय में बोई फसलों गेहूं, प्याज के लिए फायदेमंद है। इस बारिश से सबसे ज्यादा फायदा गेहूं की फसल को होगा। वहीं चना, बटरी की फसलों को इल्ली या कीड़ा लगने की संभावाना बढ़ गई है।
रामकिशन पटेल, किसान
यह पानी किसानों के लिए राहत लेकर आया है। इससे सभी फसलों को फायदा होगा। बटरी की फसल अब भी हरी है, इस पानी से उसे जायाद नुकसान नहीं होगा। लेकिन गेहूं और चना के लिए ज्यादा फायदा है। मौसम में ठंडक रहने से गेहूं की फसल भी अच्छी होती है।
किशोर जंघेला, किसान

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