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अल्टीमेटम के बावजूद नहीं पहुंचा रहे मानक चावल

locationमंडलाPublished: Sep 19, 2020 10:17:39 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

प्रशासन को चुनौती दे रहे राइस मिलर्स, नागरिक आपूर्ति निगम बेबस

Standard rice not delivered despite ultimatum

Standard rice not delivered despite ultimatum

मंडला. जिले के संगम वेयर हाउस में अमानक चावल के भंडारण का खुलासा होने के बाद जिला प्रशासन ने वेयर हाउस में भंडारित लगभग 10 हजार मीट्रिक टन चावल के वितरण पर रोक लगा दी। इस वेयर हाउस की जांच के बाद जिले के अन्य तीन गोदामों में भी जमा लगभग 5 हजार मीट्रिक टन चावल की भी सैंपलिंग की गई और रिपोर्ट आने तक इस चावल के पीडीएस वितरण पर भी रोक लगा दी गई। इस रोक से जिले भर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली पटरी से उतर गई और शासकीय उचित मूल्य दुकानों से बंटने वाले चावल की जबर्दस्त कमी हो गई। जिले के लाखों उपभोक्ता इससे प्रभावित हुए और आनन फानन में प्रदेश शासन के निर्देश पर जिले के सील संगम वेयर हाउस और 14 राइस मिलों को खोला गया ताकि पीडीएस प्रणाली को वापस पटरी पर लाया जा सके और सभी 14 राइस मिलों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे भंडारित चावल की मात्रा में मानक स्तर का चावल उपलब्ध कराएं। गौरतलब है कि जिले के राइस मिलर्स ने जिला प्रशासन के इस निर्देश को ताक पर रख दिया है और जानकारी के अनुसार बेहद सीमित मात्रा मे गोदामों से चावल का उठाव शुरू किया गया है। यह उठाव भी हाल ही में शुरू किया गया है। राइस मिलर्स की इस लेटलतीफी से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पटरी पर लाने का शासन और प्रशासन का उद्देश्य भी फेल हो रहा है।
अनुबंध का उल्लंघन
गौरतलब है कि वर्ष 2019-20 में उपार्जन के जरिए किसानों से लाखों क्ंिवटल धान खरीदी कर शासन उसकी मिलिंग जिले के राइस मिलर्स से कराया गया ताकि मिलिंग के बाद चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए पात्रता पर्चीधारक परिवारों और अंत्योदय परिवारों को उपलब्ध कराया जा सके। राईस मिलों द्वारा मिलिंग के बाद एफएक्यू (मानक स्तर) का चावल गोदामों में भंडारण कराया जाना था लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम के प्रभारी प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव की मिली भगत से जिले के राइस मिलर्स ने मिलिंग के बाद एफएक्यू (मानक स्तर) का चावल जमा नहीं किया और सीएमआर के लिए किए गए अनुबंध का जमकर उल्लंघन किया। नतीजा यह हुआ कि जिले के गोदाम अमानक चावल से भर गए। केंद्र सरकार की टीम के औचक निरीक्षण और फिर संबंधित विभागीय टीम के निरीक्षण के बाद जिले के संगम वेयर हाउस और सभी 14 राइस मिलों को सील कर दिया गया। नतीजा यह हुआ कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली पटरी से उतर गई।
हजारों क्ंिवटल चावल की सैपलिंग
मप्र वेयर हाउस कॉर्पोरेशन के मंडला स्थित गोदामों में चावल का भंडारण किया गया है जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिले के पात्रता पर्चीधारकों को बांटा जाता है। जिले के कटंगी-सेमरखापा स्थित संगम वेयरहाउस में सर्वाधिक मात्रा में 102267.88 क्ंिवटल चावल का स्टॉक किया गया है। इसके अलावा बम्होरी स्थित श्रीराम वेयरहाउस में 46236.50 क्विंटल चावल, मोहनटोला स्थित कमला वेयरहाउस में 3095.00 क्विंटल चावल एवं नांदिया स्थित आर्यन वेयरहाउस में 22.50 क्विंटल चावल का संग्रहण किया गया है। हाल ही में नान एवं एफसीआई के अधिकारियों ने संगम वेयर हाउस के अलावा तीन अन्य वेयरहाउस के चावल की सैंपलिंग की और उसे जांच के लिए भिजवाया है। रिपोर्ट आना बाकी है, तब तक इस चावल के वितरण पर रोक लगी रहेगी।
नान में अब कोई जिम्मेदार नहीं
आदिवासी बहुल्य जिले की विडंबना है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए चावल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिस नागरिक आपूर्ति निगम-नान पर है। अब उसमे कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं बचा जो पीडीएस के लिए चावल उपलब्ध कराने का दायित्व ले सके। नान के अकाउंट अधिकारी प्रबंधक का प्रभार संभाल रहे थे। लापरवाही उजागर होने के बाद जब उन्हें पद से हटा दिया गया तो अब नान में ऐसा कोई अधिकारी नहीं, जो चावल वितरण की जिम्मेदारी ले। अब तक अन्य किसी को प्रबंधक का प्रभार भी नहीं दिया गया है। इस कारण पीडीएस प्रणाली पटरी से उतर गई है।

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