नसबंदी फेल, तीन बच्चों के बाद दूसरी बार ठहरा गर्भ
मंडलाPublished: Jun 26, 2018 08:02:53 pm
चार बच्चों के साथ परिवार का भरण पोषण हो रहा मुश्किल
नसबंदी फेल, तीन बच्चों के बाद दूसरी बार ठहरा गर्भ
मंडला. नसबंदी कराने के बाद महिला को फिर से गर्भ होने पर डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। इसमें महिला संबंधित विभाग को शिकायत की थी लेकिन अब तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। जानकारी के अनुसार मंडला जनपद के ग्राम पंचायत खड़देवरा निवासी नवल सिंह चीचाम की पत्नी समानिया ने वर्ष २०१० में बम्हनीबंजर में आयोजित शिविर के दौरान नसबंदी कराई थी। लेकिन तीन वर्ष बाद ही नसबंदी फेल हो गई। समानिया चीचाम ने वर्ष २०१४ में चौथे बच्चे को जन्म दिया। बताया गया कि नसबंदी के पूर्व २ लड़की व एक लड़का था। चौथे लड़के के जन्म के बाद उन्होंने प्रशासन को शिकायत की लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली है। इतना ही नहीं वर्तमान में पांच माह का गर्भ है। चीचाम ने बताया कि उसके पहले से ही दो लड़की व दो लड़के हैं। तीन बच्चों के बाद शासन की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए नसबंदी कराई थी। चौथी संतान होने पर भरण पोषण करना संभव नहीं हो रहा है। और फिर से गर्भ होने से समानिया को मानसिक आघात पहुंचा है। इसे लेकर जिला प्रशासन से इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करते हुए मुआवजे की मांग की है। समानिया ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। चार बच्चों को भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है। खेती व घर भी नहीं है। अपनी माता के घर में रहना पड़ रहा है। वहीं चिकित्सकों की लापरवाही के कारण परिवार बढ़ता ही जा रहा है साथ ही शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है। परिवार का आरोप है कि शिविर के माध्यम से नसबंदी करवाई जाती है लेकिन वहां पर्याप्त व्यवस्थाएं भी मुहैया नहीं कराई जाती। टारगेट पूूरा करने के चक्कर में लापरवाही पूर्वक नसबंदी कर देते हंै। जिसका खमियाजा हितग्राहियों को भुगताना पड़ता है। जिले में इस तरह के अन्य मामले भी सामने आए हैं लेकिन प्रशासन द्वारा पीडि़तों की किसी प्रकार से मदद नहीं की जा रही है।