नारायणगंज. मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2008-09 में नारायणगंज व घुघरी तहसील को दर्जा दिया गया था उसी समय से तहसील घुघरी में एसडीएम कोर्ट का संचालन हो रहा है। लेकिन तहसील नारायणगंज में आज तक एसडीएम कोर्ट की स्थापना नहीं हो पाई है जिससे क्षेत्रीय जनों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसके संबंध में तहसील अधिवक्ता संघ द्वारा अनेकों बार सांसद एवं विधायक निवास को एसडीएम कोर्ट की स्थापना के संबंध में ज्ञापन दिए गए हैं। लेकिन आज तक तहसील नारायणगंज में अनुविभाग कोर्ट का संचालन नहीं हो सका है। संघ का कहना है कि शीघ्र ही तहसील नारायणगंज को अनुविभाग राजस्व का दर्जा नहीं दिया जाता है तो तहसील अधिवक्ता संघ मजबूर होकर आंदोलन करने पर विवश होगा।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा दिनांक 13 दिसंबर 2016 को अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें प्रदेश के 19 जिलों की 25 तहसीलों में नई अदालतें खोलने का निर्णय लिया गया। जिस पर मंडला जिले की नारायणगंज तहसील में सिविल न्यायालय की स्थापना होना था लेकिन आज तक तहसील नारायणगंज में सिविल कोर्ट की स्थापना नहीं हो सकी है। जिससे तहसील क्षेत्र के निवासियों को अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों में उक्त विषय को लेकर गहरा असंतोष भी व्याप्त है। सभी क्षेत्रवासियों का कहना है अति शीघ्र सिविल कोर्ट की स्थापना की जाए जिससे सभी की परेशानियां कम हो सके।
इनका कहना हैएक शपथ पत्र बनवाने के लिए मंडला या निवास जाना पड़ता है जो 150 रुपए के खर्चे में बनता है वह लगभग 500 रुपए किराया सहित पड़ रहा है। वहीं दैनिक मजदूरी का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
जगदीस कुमार, निवासी बीजेगांव कोर्ट का दर्जा ना मिलने से ग्रामीणों को अपनी आवश्यकताओं के लिए भटकना पड़ रहा है। लंबी दूरी के कारण नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। दूर-दराज में रहने वाले लोग अनावश्यक रूप से परेशान हो रहे हैं।
भूपेंद्र वरकड़े, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत नारायणगंज छोटी छोटी सम्बंधित आवश्यकताओं के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ता है जिससे समय व अर्थिक का नुकसान उठाना पड़ता है। तहसील में राजस्व सुविधा मिलने से लोगों को काफी राहत मिलेगी।
पूरन सिंह, स्थानीय निवासी