घर में बिजली नहीं, रोजाना 6 किमी. साइकिल चलाकर जाता था स्कूल
12वीं बोर्ड की परीक्षा में मंडला जिले में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले होनहार राजकमल ने 500 में से 433 अंक हासिल किए हैं और 86.6 प्रतिशत के साथ जिले की मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर आया है। राजकमल की सफलता की कहानी काफी कठिनाइयों भरी रही है। राजकमल के पिता राजेश नंदा मजदूर हैं और दूसरों के खेतों में काम कर किसी तरह उसे उसकी दोनों बहनों को पढ़ा रहे हैं। राजकमल के घर में बिजली तक नहीं है। स्कूल से लौटने के बाद वो पिता की खेत में मदद करता था और फिर रात को घर में बिजली न होने के कारण चिमनी और चूल्हे की आग की रोशनी में पढ़ाई किया करता था। इतना ही नहीं गांव से स्कूल की दूरी 6 किलोमीटर है। स्कूल पहुंचने के लिए रास्ता भी नहीं है और कच्ची पगडंडी पर रोजाना साइकिल चलाकर राजकमल स्कूल जाता था।
होनहार राजकमल को मदद की दरकार
मेरिट लिस्ट में दूसरे नंबर पर आने वाले राजकमल के पिता राजेश नंदा उसकी कामयाबी से खुश हैं लेकिन दुखी मन से ये भी कहते हैं कि उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी ने भी 12वीं की परीक्षा बेटे के साथ दी थी और 68 प्रतिशत अंक लाकर पास हुई है। छोटी बेटी ने इसी साल 10वीं की परीक्षा पास की है। लेकिन अब उनकी हिम्मत नहीं है कि बेटे को आगे पढ़ा पाएं, परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है इसलिए उसे पढ़ाई के लिए शहर भी नहीं भेज सकते। ऐसे में अब राजकमल को मदद की दरकार है जिससे कि वो आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रख सके।