scriptशिक्षक नहीं छोड़ रहे अफसरशाही | teachers wants injoy officership, they don't want teach in school | Patrika News

शिक्षक नहीं छोड़ रहे अफसरशाही

locationमंडलाPublished: Sep 27, 2018 07:02:01 pm

Submitted by:

shivmangal singh

वर्षों से जमे हैं बीआरसी पद पर, मूल विभाग से बनाई दूरी

मंडला. शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षकों को पढ़ाने से ज्यादा अफसरशाही में आंनद आता है। यही कारण है कि कई शिक्षक अपने मूल काम को छोडकरर प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं और वर्षों से वहीं पर जमे हुए हैं। ऐसा ही मामला जिले में कार्यरत समस्त बीआरसी का है। जिले में विभाग का एकादमिक कार्य करने के लिए करीब 10 साल पहले बीआरसी पद पर कुछ शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था, लेकिन प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने पर भी यह शिक्षक बीआरसी के पद पर जमे हुए हैं। यही आरोप मवई बीआरसी पर भी लगा है। मवई ब्लाक के बीआरसी संतोष गुप्ता पिछले दस साल से मवई में ही पदस्थ है। राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश है कि सर्व शिक्षा अभियान में प्रतिनियुक्ति पर चार वर्ष से अधिक हो चुके हैं उन्हे मूल पद में वपिस किया जाए। मवई बीआरसी संतोष गुप्ता आदेश के तहत अपात्र हो गए है एक दशक से अधिक समय से एक ही ब्लॉक में पदस्थ है। इनकी ग्रामीणों ने कई बार शिकायत भी दर्ज कराई है लेकिन अधिकारीयों की सांठगांठ के चलते मामले को जानबूझकर लंबित रखा गया है। मवई ब्लॉक में प्रायमरी शिक्षा के बुरे हाल है। स्कूल खुलते नहीं है जहां स्कूल खुल गए है वहां शिक्षक पहुंचते ही नहीं है। सरकारी योजनाओं का लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। वहीं बीआरसी मवई मुख्यालय से दूर निवास क रहे हैं। जिससे मवई ब्लॉक में शालाओं के संचालन में कोई सुधार नहीं हुआ। इनके द्वारा स्कूलो का निरीक्षण भी नहीं किया जाता है। कागजो पर भ्रमण दर्शाया जाता है। सर्व शिक्षा अभियान समेत शिक्षा की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। इन जिम्मेदार पदो पर अपात्रों को पदस्थ रहने पर राज्य शिक्षा केन्द्र के नियमो का खुला माखौल उड़ाया जा रहा है।
निगरानी करने वाले जिला परियोजना समन्यवयक डीपीसी भी यह कह कर इन बीआरसी को संभाले हुए है कि मुख्यालय से आदेश आने के बाद ही इन्हें हटाया जा सकता है। दरअसल पूरा मामला कुर्सी का है। बीआरसी के पास निजी स्कूलों की मान्यता का मुख्य काम होता है। मान्यता के समय बीआरसी की स्कूल का भौतिक सत्यापन करते हैं। इसके अलावा अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों और शिक्षकों पर भी दबदबा बरकरार रहता है। शिक्षक से सीधे अफसरशाही का सम्मान मिलता है।
जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा ने बताया कि बीआरसी पद के लिए राज्य शिक्षा केंद्र से नियुक्ति होती है। इसके अलावा बीआरसी पद के लिए परीक्षा भी देनी होती है। जिले के लगभग सभी बीआरसी का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है। शिक्षण सत्र 2018-19 से राज्य शिक्षा केन्द्र को समग्र शिक्षा अभियान में बदल दिया गया है। जिसके तहत नये बीआरसी की पदस्थापना की जाएगी। जिसके मापदंड अभी जारी नहीं हुए हैं। वर्तमान में पदस्थ जिले के बीआरसी को हटाने के लिए अभी तक निर्देश नहीं मिले हैं। मुख्यालय से आदेश आते ही सभी को हटाकर मूल विभाग में भेज दिया जाएगा।

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