गोंड शासकों के तंत्र विद्या की कहानी कहता है काला पहाड़
काला पहाड़ अपने में कई पहेलियां छिपाए

मंडला। गोंडकालीन शासक हृदयशाह ने मंडला से 17 किमी दूर जंगलों के बीच सुरम्य वातावरण में नर्मदा किनारे रामनगर में अपनी राजधानी बनाई थी। राजधानी में कई ऐतिहासिक और शानदार महल एवं इमारतों का निर्माण कराया जो आज भी गोंडकालीन शासन के विरासत के रूप में पूरी दुनिया में पहचानी जाती है। गोंडकालीन राजधानी रामनगर के भव्य महल और इमारतों के साथ एक और वह रहस्मयी स्थान है जिसे काला पहाड़ के नाम से जाना जाता है। आज भी रामनगर का काला पहाड़ अपने में कई पहेलियां और अनसुलझे प्रश्न छिपाए हुए है। जिसे जानने और समझने के लिए प्रतिवर्ष सैकड़ों सैलानी दुनिया के अलग अलग कोने से रामनगर में भ्रमण करने पहुंचते हैं।
रामनगर से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित अष्टफलकीय काले पत्थरों का पहाड़ है। इसे ही काला पहाड़ के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि राजा हृदय शाह ने अपने तंत्र मंत्र के बल पर काले पहाड़ से पत्थरों को हवा में उड़ाकर लाए थे और महज ढाई दिनों में ही महलों का निर्माण हुआ था। जबकि इतिहासकारों की पुस्तकों में बताया गया है कि संभवत: रामनगर के महलों के निर्माण के लिए ये पत्थर अन्य स्थानों से बुलवाए गए थे। महलों के निर्माण के बाद इन पत्थरों को रामनगर राजधानी से कुछ किमी दूर रखवाया गया और अत्यधिक संख्या में होने के कारण पहाड़ के रूप में दिखाई पड़ते हैं। इन पत्थरों पर आज तक कोई वनस्पति नहीं पाई गई। यही कारण है कि इन पत्थरों को रहस्यमयी माना जाता है।
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