scriptकमर तक पानी में डूब पार करना पड़ता है नाला, बारिश में बंद हो जाता है आवागमन | The drain has to be crossed till the waist is submerged in water, traf | Patrika News

कमर तक पानी में डूब पार करना पड़ता है नाला, बारिश में बंद हो जाता है आवागमन

locationमंडलाPublished: Oct 23, 2021 02:33:52 pm

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

आपातकालीन सेवा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण

कमर तक पानी में डूब पार करना पड़ता है नाला, बारिश में बंद हो जाता है आवागमन

कमर तक पानी में डूब पार करना पड़ता है नाला, बारिश में बंद हो जाता है आवागमन

कमर तक पानी में डूब पार करना पड़ता है नाला, बारिश में बंद हो जाता है आवागमन
मंडला। आजादी के 75 साल बाद भी विकासखंड नारायणगंज की ग्राम पंचायत सिकोसी के 500 की आबादी वाले ग्राम बोरिया के ग्रामीणों का मुख्यालय को जोडऩे वाले मार्ग में स्टाप डेम पुल बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया है। यहां आवागमन सुचारू हो जाने से ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के साथ अन्य परेशानियों से निजात मिल जाएगी। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। यहां के लोगों को कमर भर पानी से गुजर कर नारायणगंज मुख्यालय आना पड़ता है।
जानकारी अनुसार नारायणगंज से गुजरने वाली नदियों में बरगी बांध के पानी भराव होता हैै। जिसके कारण इस नाले में भी पानी भरा रहता है। जिसके कारण ग्राम बोरिया के ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता हे। बारिश के दिनों में यह समस्या और विकराल हो जाती है। लोगों को अपनी जान हथेली में रखकर इस नाले को पार करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि सिकोसी पंचायत का बोरिया ग्राम उपेक्षित है। यहां मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है।

बताया गया कि ग्राम बोरिया दो हिस्सों में अलग-अलग बसा है। जिसमें आधी आबादी इस नाले के काफी नजदीक है जो नारायणगंज मुख्यालय के पास ही है। दूसरे हिस्से में जाने के लिए दूरी के साथ रास्ता भी जर्जर और पगडंडी वाला है। जिससे यहां से भी गुजरने में परेशानी का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है। मार्ग ना होने के कारण लोगों को यहां से बहने वाले नाले को पार करना पड़ता है। ग्रामीणों की मांग के बाद भी यहां पुलिया का निर्माण नही कराया जा रहा है। गांव में यदि कोई गंभीर बीमार हो जाए तो उसे उपचार के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इस दौरान कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। आने जाने का साधन न होने के कारण समय में मरीज को अस्पताल तक नही पहुंचा पाते है।
बच्चों की मुसीबत:
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम बोरिया में विद्यालय नहीं होने के कारण बच्चों को दूसरे गांव अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए जाना पड़ता है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए इसी नाले को पार करना होता है। जिससे हादसे का अंदेशा बना रहता है। यहां मूलभूत सुविधाएं स्वास्थ्य, शिक्षा समेत रोजगार के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है। चुनावी दौर में नेता यहां आश्वासन का झुंझुना पकड़ा देते है। चुनाव जीतने के बाद ना तो नेता का पता चलता है और ना ही उनके आश्वासन का।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो