बिजली से जुडे़ जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि नगर के वार्डो में ट्रांसफार्मर को दूसरी जगह पर शिफ्ट करने में लाखों का खर्च तो होगा ही, सबसे बड़ी दिक्कत नई जगह मिलने की है। कोई भी रहवासी नहीं चाहता कि उसके घर के आसपास ट्रांसफार्मर स्थापित हो। जब भी नई जगह में ट्रांसफार्मर लगाए जाते हैं, वहां के रहवासी तत्काल जनप्रतिनिधियों के साथ विरोध करने लगते हैं। यही नहीं, ट्रांसफार्मर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थापित करने से लोगों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने में दिक्कत होती है। ऐसे हालात में निगम और जिला प्रशासन की मदद लेकर रहवासियों की सहमति से ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाता है।
हो चुके हैं हादसे बताया गया है कि तीन माह पहले तहसील तिराहा के ट्रांसफार्मर में हादसा हो चुका है। शाम के वक्त ट्रांसफार्मर में अज्ञात कारणों के चलते आग लग चुकी है, उस दौरान बाजार क्षेत्र में भगदड़ की स्थिति बन गई। काफी देर के बाद आग पर काबू पाया गया है, इसके बाद भी मौके पर कोई सुधार नहीं किया गया है। ट्रांसफार्मर आग लगने की घटना आमजनों ने भी गंभीरता नहीं दिखाई और ना ही नगर पालिका के द्वारा कोई एक्शन लिया गया है।
ट्रांसफार्मर से करीब पांच फीट की दूरी बिजली कंपनी के जानकारों का कहना है कि ट्रांसफार्मर में हाई बोल्टेज करंट रहता है। उसके पास खड़े होने के दौरान भी तेज आवाज आती है। ट्रांसफार्मर से करीब पांच फिट की दूरी जरूरी है। ऐसे में कोई इनके आसपास बैठ रहा है हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है। नगर पालिका को ऐसे कब्जे पर ध्यान देना चाहिए। अतिक्रमण या कब्जा हटाने का पॉवर कम्पनी के पास नहीं है। जरूरी यह है कि नगर पालिका अस्थाई दखल के विक्रेताओं को ट्रासंफार्मर से दूर करें। जिससे जान माल की सुरक्षा हो सके।