बाजार में समर्थन मूल्य से ज्यादा का बिक रहा गेंहू
मंडला
Updated: March 27, 2022 11:24:40 am
मंडला. जिले में समर्थन मूल्य में गेहूं खरीदी एक अप्रैल से शुरू हो रही है। वहीं इस बार बाजार में गेहूं के प्रति क्विंटल दाम सरकार द्वारा समर्थन मूल्य से अधिक है जिससे किसान आसमंजस में दिखाई दे रहे हैं कि वे सरकार को अपनी फसल बेचें या फिर बाजार में व्यापारियों को गेहूं बेचा जाए। सरकार द्वारा इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए निर्धारित किया गया है जबकि बाजार में अच्छे किस्म का गेहूं 2२00 से २८00 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। कुछ व्यापारी किसानों से समर्थन मूल्य से अधिक कीमत में गेहू खरीदने के लिए तैयार हैं। कृषि उपज मंडी में गेहूं लेकर किसानों का पहुंचना शुरू हो गया है। वहीं समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी २८ मार्च से प्रारंभ हो सकती है। हलांकि अभी सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसे में खरीदी शुरू होने में संशय बना हुआ है।
देर से होता है भुगतान
कुछ किसानों का कहना है कि खरीदी केन्द्रों में फसल बेचने में काफी मशक्कत करना पड़ता है। फसल को अच्छी तरह साफ करके ले जाने में भी फसल में नमीए, कचरा आदि बताकर परेशान किया जाता है। यही नहीं किसी तरह फसल तुलाई हो भी गई तो इंतजार यह करना पड़ता है कि खरीदी केन्द्र से बेची गई फसल का उठाव हो जाए ताकि किसान को उसकी बेची फसल का भुगतान हो जाए। बता दें कि किसान द्वारा खरीदी केन्द्रों को बेची गई फसल का भुगतान तब तक नहीं किया जा सकता है जब तक खरीदी केन्द्र से उस किसान की फसल का उठाव नहीं हो जाता है। अब तक देखा गया है कि जिन ठेकेदारों को परिवहन की जिम्मेदारी दी जाती है उनके द्वारा परिवहन में लेट लटीफी की जाती है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है।
बाजार में तत्काल मिलती है रकम
रामनगर, पटपरा, पौड़ी से कृषि उपज मंडी पहुंचे किसान अजय झारिया, प्रवीण चंद्रौल, मोहन पटेल, जुग्गु बैरागी आदि किसानों ने बताया कि हर साल जो फसल होती है उसमें साल भर अपने उपयोग के हिसाब से अनाज बचाकर बाकि बेच दिया जाता है, उस राशि से बैंक से लिए गए ऋण की पूर्ती की जाती है, घर के अन्य खर्च पूरे किए जाते हैं। बाजार में व्यापारियों को अनाज बेचने पर तत्काल एक मुश्त रकम मिल जाती है। किसानों का कहना है कि सरकार को गेहूं के समर्थन मूल्य में वृद्धि करना चाहिए।
सफाई के लिए देना होगा प्रति क्विंटल 20 रुपए
खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक खरीदी केन्द्रों में छन्ना लगवाए जा रहे हैं। जो किसान साफ गेहूं लेकर नहीं आएंगे उन्हें केन्द्र में लगे छन्ना से फसल को साफ कराया जाएगा। जिसके लिए किसान को 20 रुपए प्रति क्विंटल देना होगा। सूत्रों के अनुसार पिछले सालों में सरकार ने बड़ा दिल दिखाते हुए किसानों से गुणवत्ता को ताक में रखकर फसल की खरीदी तो कर दी गई लेकिन जब इस खरीदी गई फसल की मिलिंग की बारी आई या फिर अन्य एजेंसियों को बेचने की कोशिश की गई तो इस गुणवत्ताहीन फसल को कोई खरीदने को तैयार नहीं होता है जो सरकार के लिए बड़ी समस्या बन जाती है इसलिए इस बार ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि अच्छी तरह साफ फसल की ही खरीदी की जाए।
8 लाख क्विंटल का लक्ष्य, गोदाम फुल
इस बार समर्थन मूल्य में गेहूं खरीदी के लिए करीब 8 लाख क्विंटल का लक्ष्य रखा गया है, उपज बेंचने के लिए 21 हजार 403 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। पिछले सालों में खरीदी गई फसल को ओपन केपों में रखने से बड़ी मात्रा में फसल हवा, पानी से खराब हो जाती है जिसे देखते हुए इस बार खरीदे गए गेहूं को सिर्फ गोदामों में ही रखने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन समस्या यह है कि विभाग के जो गोदाम हैं, फिलहाल उनमें धान रखी हुई हैं, मिलिंग की रफ्तार काफी धीमी है। जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा उपज को गोदाम में रखने के लिए पर्याप्त गोदाम ही नहीं है। जो गोदाम में है वे फुल हैं। यदि समय रहते गोदामों को खाली नहीं कराया गया तो एक बार फिर उपज को खुले में रखने की परेशानी खड़ी हो जाएगी।
सबसे लोकप्रिय
शानदार खबरें
मल्टीमीडिया
Newsletters
Follow Us
Download Partika Apps
Group Sites
Top Categories
Trending Topics
Trending Stories
बड़ी खबरें