मंडलाPublished: Dec 10, 2019 07:12:09 pm
Mangal Singh Thakur
जिले में बंद हो गया मिटï्टी परीक्षण, किसान परेशान
The fertile soil does not become barren due to unnecessary fertilizer
मंडला. जिले की मृदा प्रयोगशाला को किसानों के लिए बंद कर दिया गया है। अब सिर्फ उन्हीं गांव के किसानों की खेतों की मिट्टी की उर्वरता की जांच मृदा प्रयोगशाला में की जाएगी, जिस गांव को कृषि विभाग द्वारा चुना गया है। गौरतलब है कि जिले भर में लगभग 1 हजार 400 गांव हैं लेकिन विभाग द्वारा जिले भर की मात्र 9 गांवों को चुना गया है जिनके किसानों के खेतों की मिट्टी के नमूनों की जांच मृदा प्रयोगशाला में की जाएगी। इससे जिले के किसानों में जबर्दस्त आक्रोश पनप रहा है क्योंकि मृदा परीक्षण के बिना उन्हें इस बात की जानकारी नहीं मिल पाएगी कि उनके खेत की मिट्टी में किस तत्व की अधिकता है और किस तत्व की कमी। इस जानकारी के अभाव में किसान खेतों मे अनावश्यक खाद का छिड़काव करेंगे और मिट्टी की उर्वरता में कमी आ जाएगी। यही कारण है कि किसान मृदा प्रयोगशाला से निराश वापस लौट रहे हैं।
मृदा परीक्षण से वैज्ञानिक निदान संभव
मिट्टी में उपलब्ध तत्वों की जानकारी करना ही भूमि परीक्षण अथवा मृदा परीक्षण कहलाता है। प्रयोगशाला में किसान के खेत की मिट्टी का वैज्ञानिक निदान होता है और खेत की मांग और फसल की भूख के अनुसार, किसान को सलाह दी जाती है कि वह किस खाद का छिड़काव करे और किस खाद के छिड़काव से बचे। गौरतलब है कि संतुलित मात्रा में खाद का प्रयोग तभी किया जा सकता है जब किसान अपने खेत का मृदा परीक्षण कराए। संतुलित खाद से न केवल फसल की पैदावार बढ़ती है बल्कि उसके प्राकृतिक प्रकोप सहने की क्षमता भी बढ़ जाती है। साथ ही मिट्टी के भौतिक, रासायनिक, जैविक गुण भी सुरक्षित रहते हैं। अन्यथा मिट्टी के उक्त सभी गुण कम होते जाते हैं और अंतत: मिट्टी बंजर हो जाती है।
गत वर्ष 20 हजार, इस वर्ष 2 हजार
मृदा प्रयोगशाला के आंकड़े बता रहे हैं कि वर्ष 2018-19 में जिले भर के लगभग 20 हजार मिट्टी के नमूनों का परीक्षण किया गया था लेकिन इस वर्ष प्रयोगशाला को मात्रा दो हजार किसानों के खेतों की मिट्टी का लक्ष्य सौंपा गया है। जाहिर है कि मृदा परीक्षण के लिए आवश्यक रासायनिक पदार्थों और संसाधनों की भी सीमित मात्रा उपलब्ध कराई गई है। प्रयोगशाला से मिली जानकारी के अनुसार, शासन द्वारा मापदंड निर्धारित किए गए हैं कि अब पायलट प्रोजेक्ट में शामिल गावों की मिट्टी का परीक्षण ही प्रयोगशाला मे किया जाएगा।
विकासखंड चयनित गांव
मंडला रामपुर
बीजाडांडी मगरधा
मोहगांव अंडियादर
घुघरी लोधा
नैनपुर जामगांव
निवास करौंदी
नारायणगंज खिन्हा
मवई पिपरीमाल
बिछिया मेढाताल