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बच्ची जीवित फेंकी गई थी या मृत, उलझी पुलिस

locationमंडलाPublished: Dec 03, 2019 10:26:37 am

Submitted by:

Mangal Singh Thakur

बबलिया के समीप मिला था नवजात शिशु का शव

बच्ची जीवित फेंकी गई थी या मृत, उलझी पुलिस

बच्ची जीवित फेंकी गई थी या मृत, उलझी पुलिस

बबलिया. झाडिय़ों के बीच थैला में मिली नवजात के शव की गुत्थी अब तक सुलझ नहीं सकी है। हालांकि पुलिस की सक्रिता के चलते नवजात की मां व पिता की जानकारी लगा ली गई। बच्ची को जीवित अवस्था में फेंका गया या मृत यह अब भी साफ नहीं हो सका है। जानकारी के अनुसार 23 नवंबर को फूलसागर निवास मुख्य मार्ग से खेरमाई चौराहा सिमरिया पहुंच मार्ग की पुलिया के पास नवजात बच्ची का शव लावारिश आवस्था में मिला था। सूचना के बाद निवास पुलिस ने मामला विवेचना में लिया और अब नवजात के परिजनों तक पहुंच गई है। निवास टीआई जशवंत काकोडिय़ा ने बताया कि पुलिस टीम नवजात बच्ची के माता-पिता तक पहुंच गई है। सभी पहलू की गंभीरता से पूछतांछ की जा रही है। जब तक पीएम रिपोर्ट नहीं आती तक तक मामले से पर्दा नहीं हट सकता। मामले से जुड़े लोगों की माने तो नवजात बच्ची के जन्म के बाद मृत होने की बात सामने आई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार निवास तहसील के ग्राम पडऱीतलई निवासी रामसिंह नवजात बच्ची का पिता है। नवजात की मां गोमती बाई (41) पूरी घटना को लेकर अंजान है। मां का कहना है कि बच्चे के जन्म के पहले प्रसव पीड़ा के कारण बेहोश हो गई थी जब होश आया तो बच्ची पास नहीं थी। परिजनों से पूंछने पर बताया गया कि जन्म के बाद बच्ची की मौत हो गई है। जिसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार गोमती बाई को गर्भ के नौ माह पूर्ण होने के बाद 20 नवंबर को प्रसव पीड़ा हुई। रात में 3 बजे गोमती के पेट में दर्द उठा तो परिजनो ने गांव के ही रामाबाई को बुलाकर लाया और प्रसव से पीडि़त गोमती बाई की देख रेख में लगा दिया। गोमती ने एक बच्ची को जन्म दिया। ग्राम पडरीतलई की निवासी रामोबाई जो गांव में पुरानी परम्परा के तहत प्रसव के समय दाई का काम करती है उनका कहना है कि जब तक में गोमती बाई के पास पहुंची थी तब तक प्रसव हो चुका था। बच्ची मृत देखी गई थी गोमती बाई की हालत गंभीर बेहोश देखकर बबलिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया।
क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता सरस्वती कुड़ापे ने बताया कि उसके पास सुबह 6 बजे जननी ऐक्सप्रेस 108 बुलाने के लिए बोला गया तो मैने जननी ऐक्सप्रेस का वाहन 20 मिनट में गाडी आ गई थी। जिसके बाद गोमती बाई उसके पति रामसिंह साथ ही गांव की दाई रामोबाई गाडी में साथ लेकर बैठ गए। रामोबाई ने बताया जजकी तो हो गई है लेकिन उसकी कनेरी बाहर नहीं निकली थी कनेरी बाहर आ गई तो बच्चे के गले में लपेट दिया गया। इसके बाद जच्चा बच्चा वाहन में बैठालकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बबलिया ले जाया गया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एएनएम रमीला एएनएम सुभद्रा धुर्वे मिली। चिकित्सक पीएल कोरी की डï्यूटी राहत 2 शिविर के अंतर्गत कटरा अस्पताल में लगाई गई थी।
एएनएम रमीला का कहना है कि 20 नवंबर 2019 को 7:30 बजे ग्राम पडरीतलई से आशा कार्यकर्ता सरस्वती कुडापे ने ग्राम की गोमती बाई को बेहोश हालत में लाई थी। जिसका उपचार प्राथमिक तौर पर अस्पताल में किया गया। ग्राम पडरीतलई की रामोबाई जो दाई की काम करती है वह बता रही थी मृत बच्ची पैदा हुई है। तो मैने भी छू के देखा उसकी पल्स या श्वास नहीं चल रही थी। संभवता बच्ची जन्म से ही मृत पैदा हुई है तो घर में ले जाकर कफन दफन का संस्कार करने को कह दिया गया।
मामले को लेकर संस्थागत प्रसव को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कहीं ना कहीं नवजात बच्ची का कारण घर में प्रसव होना ही रहा है। समय पर उसे संस्थागत प्रसाव का लाभ मिल जाता तो बच्ची की जान बच सकती थी। गोमती की एक 18 साल की बच्ची पहले से है जो कि वर्तमान में बीए की पढ़ाई मंडला से कर रही है। इतने अंतराल के बाद दूसरी बच्चे के जन्म के पूर्व घर में खुशी का महौल था। बच्ची की मौत की खबर ने घर की खुशियों को मातम में बदल दी। वहीं शव के कफन दफन में परिजनों की भी लापरवाही सामने आ रही है। मामला से पूरी तरह से पर्दा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उठ सकेगा।


पुलिस ने हर पहलु की जांच की है जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आती है। तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। मामले की जांच अभी जारी है।
जशवंत काकोडिय़ा, निवास टीआई

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