यह स्थान जिले के अंजनिया वन परिक्षेत्र की ककैया बीट में सैकड़ों अजगरों का समूह रहता है। करीब पांच से सात एकड़ में फैले ज्वालामुखी चट्टानों में हजारों अजगर होने की संभावना है। कान्हा नेशनल पार्क के कारण इस क्षेत्र को स्नैक पार्क के नाम से संरक्षित करने की मांग की जा रही है। वर्तमान में वन विभाग ने फैसिंग कराई है लेकिन वह अजगरों की सुरक्षा के हिसाब से नाकाफी है। वहीं पर्यटकों को सूचित करने के लिए साइन बोर्ड का भी आभाव है। जिसके बाद यहां पहुंचने वाले पर्यटक भटक भी जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बम्हनी व अंजनियां मुख्य मार्ग में सूचना बोर्ड लगाया जाना चाहिए। वहीं ककैया में भी जगह संकेतक लगाकर आजगर दादार तक लोगों के पहुंचने के लिए रास्ता आसान करना चाहिए।
जानकारी अनुसार ककैया गांव में करीब सात एकड़ क्षेत्र में फैले इस स्थान की गहराई 40 फीट है, जो पूरी तरह से खोखली है, यहां जमीन से निकलकर अजगर धूप सेकने आते हैं। यह इलाका अजगरों का अड्डा है। लोगों ने बताया कि कई बार यहां इतने बड़े अजगर भी देखने को मिलते हैं, जिनके बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा। बताया गया कि वर्ष 1926 में इस इलाके में जबरजस्त बाढ़ आई थी, जिसकी वजह से ये इलाका पूरा खोखला हो गया था। बाद में जमीन के नीचे कई जीव-जंतुओं ने अपना बसेरा बना लिया। धीरे-धीरे अजगरों की संख्या यहां बढऩे लगी, जिसके बाद लोगों ने इस जगह को अजगर दादर का नाम दे दिया। यहां चूहे, गिलहरी और खरगोश भी रहते हैं, जिनका शिकार कर अजगर अपना पेट भरते हैं।