जो दवाईयां जलाई जा रही थी वे मलेरिया विलोपन डेमोंस्ट्रेशन परियोजना कार्यालय की बताई जा रही हैं। जिसमें पैरासिटामाल सिरप, कुछ टेबलेट थी। सिरप की एक्सपायर डेट अप्रैल 2021 है। साथ ही दस्तावेज भी जलाए जा रहे थे। मौके पर डॉ हर्ष राजवंशी मलेरिया विलोपन परियोजना अधिकारी थे। इनके अलावा स्वास्थ्य विभाग से कोई अधिकारी मौजूद नहीं रहा। प्रबंधन की इस कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं। दवाइयां कैसे एक्सपायर हो गईं। अगर ये एक्सपायर हो भी गईं तो इन्हें वापस क्यों नहीं किया गया या फिर इन्हें वैज्ञानिक विधि से क्यों नहीं जलाया गया।
ऐसा क्या हुआ कि इन्हें जलाना पड़ा
बायोमेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए वैज्ञानिक विधि का इस्तेमाल करना पड़ता है। मलेरिया मुक्त भारत के कार्य कर रही एनजीओ मलेरिया विलोपन डेमोंस्ट्रेशन परियोजना की दवाईयां रात के अंधेरे में जंगल व खेतों के पास में ले जाकर जलाया जा रहा है। दवाइयों को आग लगाकर वातावरण को प्रदूषित किया जा रहा है। जहां पर ये दवाईयां जलाई जा रही हैं। वहां आसपास रहने वाले लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। पालतू या वन्य प्राणी भी अपनी जान गंवा सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार डॉ हर्ष राजवंशी का ट्रांसफर हो गया है। संभवत: इसलिए इन्होंने ऑफिस के रिकॉर्ड, बची हुई दवाइयोंं को नष्ट करने की तैयारी की होगी। जिला अस्पताल में चिकित्सक रह चुके निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने बताया कि खुले में दवाईयों को नहीं जलाया जा सकता। इसके लिए कमेटी बनाई जाती है। इसके बाद रजिस्टर में दवाई का नाम, एक्सपायरी डेट, बैच नंबर आदि नोट किया जाता है। एनजीओ के द्वारा इस तरह से दवाईयों का नष्ट करना किसी गलती को छिपाने जैसा है। जिम्मेदारों से इसकी जानकारी ली जाएगी।
इनका कहना है
लोगों से जानकारी मिली की जंगल व खेत के पास दवाई जलाई जा रही है। जिसके बाद मौके पर पहुंचे जहां पांच.छह पेटी दवाईयां एवं चार पाच बोरिया में दस्तावेज मिली है। कुछ दवाईयां व दस्तावेज जला दिए गए हैं। दवाईयों का विनष्टी करण गलत तरीके से किया जा रहा था।
पंचम लाल मरावी, सरपंच माली मोहगांव
गांव में एनजीओ जो मलेरिया विलोपन के लिए कार्य कर रही है। उनकी दवाईयां जलाई जा रही थी। सूचना के बाद ग्रामीणों ने विरोध किया है। अधिकारियों को भी सूचना दी गई है। संबंधितों की विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।
इंद्रजीत भंडारी, स्थानीय निवासी
मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। सभी दवाईयों एक्सपायर थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है, मुझे पुलिस पर भरोसा है उचित कार्रवाई होगी।
डॉ हर्ष राजवंशी, परियोजना अधिकारी, मलेरिया विलोपन परियोजना मंडला
दवाईयों को जलाने की कार्रवाई की जा रही है। जिसकी शिकायत मिली। जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया गया है दवाईयां जब्त की गई है। आगे विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
अश्वनी कुमार, एसडीओपी मंडला।