लचर हो रही व्यस्थाएं, नही हो पा रहे अहम निर्णय
मंडला
Published: April 02, 2022 01:02:31 pm
मंडला. किसी भी विभाग में जनहित में तभी निर्णय लिया जा सकता है। जब उसका फुल फ्लैश अधिकारी हो। उसके पास हर निर्णय लेने का अधिकार हो, लेकिन जिले में हो रहा है उल्टा। यहां अधिकांश विभागों में प्रभारी जमे हुए हैं और फुल फ्लैस अधिकारी न होने से वे निर्णय नहीं हो पा रहे जिनकी दरकार है। हैरानी की बात तो यह है कि कई अहम विभाग भी प्रभारियों के भरोसे हैं। कुछ विभाग तो ऐसे भी संचालित है जहां एक ही अधिकारी को सारे प्रभार दे दिए गए है जिसके चलते अधिकारी द्वारा मनमाने तरीके से काम किया जाता है या फिर कोई काम ही नहीं किया जाता। जिले में यूं तो दर्जनों महत्वपूर्ण विभाग हैं। इनमें नगर पालिका, श्रम विभाग, कृषि विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, आयुष समेत अन्य महत्वपूर्ण विभाग है लेकिन देखा जा सकता है कि अधिकांश विभागों में फुल फ्लैस अधिकारी नहीं है। बैसाखी के सहारे विभाग चल रहे हैं। प्रभारी भी ऐसे है कि वह कुर्सी से चिपके रहना चाहते है। उच्चाधिकारी भी इस ओर धान नहीं दे रहे। खास बात यह है कि शिक्षा, आयुष, उद्योग, महिला बाल विकास, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा समेत ऐसे अन्य विभाग हैं जिसमें महीनों से अधिकारी प्रभार पर जमे हुए हैं कुर्सी छोडऩे को कोई तैयार नहीं।
ये भी हैं महत्वपूर्ण विभाग
कृषि विभाग पिछले कई माह से प्रभारी के भरोसे संचालित है। इसके साथ ही आत्मा परियोजना कार्यालय भी प्रभारी के सहारे है। श्रम विभाग के अधिकारी के निलंबन होने के बाद यहां पर भी प्रभारी बैठा दिए गए है। प्रभारियों से जब कोई जानकारी के संबंध में बात की जाती है तो वह नियमों का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेते है। जानकारी के मुताबिक 15 से 20 विभाग ऐसे हैं जहां प्रभारी जमे हुए हैं।
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