दुर्दशा का शिकार हुआ शहर का सबसे प्राचीन और बड़ा फुआरा
सब्जी व्यापारियों के लिए फ्रिज के रूप में आ रहा काम
मंडला
Published: April 17, 2022 12:03:09 pm
मंडला. हागगंज बाजार में बना फुआरा जब चलता था तो यहां बच्चे बड़ी संख्या में एकत्रित हो जाते थे न केवल बच्चे बल्कि उनके साथ बड़े बुजुर्ग भी शाम को फव्वारे से आने वाली हल्की-हल्की ठण्डी बूंदों से दिन भर गर्मी के दर्द को भुला देते थे, लेकिन पिछले कई सालों से यह फव्वारा बंद पड़ा है, इसे शुरू कराने, इसके जीर्णोद्धार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह कहना हागगंज बाजार के दुकानदार मनीष क्षत्री का है। मनीष क्षत्री ने जल्द इस फव्वारा को शुरू करने की मांग की है। जानकारी अनुसार इस फव्वारेे का निर्माण नगरपालिका द्वारा कराया गया था जिसका शुभारंभ तत्कालीन सांसद छोटे लाल उइके ने 16 फरवरी 1983 को किया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह शहर का सबसे प्राचीन और सबसे बड़े फव्वारे में शामिल है। थोड़ी मरम्मतीकरण कराकर इसे शुरू कराया जा सकता है। वहीं नपा की अनदेखी के चलते अब कुछ सब्जी व्यापारियों द्वारा इस फव्वारे का उपयोग फ्रीजर के रूप में किया जा रहा है। क्योंकि इस फव्वार में कुछ पानी का जमाव बना रहता है, आसपास कुछ खाली जगह होने पर फुटकर सब्जी व्यापारी यहां अपनी सब्जियों की टोकरी रख रहे हैं।
नपा ने संवारने की जगह पहुंचाया नुकसान
स्थानीय कई लोगों का कहना है कि इस फव्वारे के पास ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई गई है, लेकिन नपा ने इसी प्रतिमा के बिल्कुल पास में कचरा पेटी लगा दी है, यही नहीं बाजार से निकली गंदगी भी यही फेंक दी जाती है। इस तरह पूर्व नगरपालिका के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से मिली सौगातो को वर्तमान जनप्रतिनिधि, अधिकारी बनाए रखने की जगह नुकसान पहुंचाने में तुले हुए हैं।

दुर्दशा का शिकार हुआ शहर का सबसे प्राचीन और बड़ा फुआरा
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