आलू व मसाला का स्वाद अपने पिता के हाथ का स्वाद आज भी उनके तीन बेटे बनाए हुए हैं। हम बात कर रहे हैं जनपद पंचायत मंडला के पास संचालित चंदा की होटल की। होटल की शुरूआत वर्ष 1970 से चन्द्राहास बरमैया ने की थी। जिनका निधन कुछ वर्ष पूर्व ही हुआ है। यहां के समोसे में लगने वाला आलू व मसाला का स्वाद दूसरे स्थानो से हट कर है। जिसके कारण एक बार जो भी यहां का समोसा खाता है स्वाद भूल नहीं पाता। आज भी जगन्नाथ उमावि व क्रमांक 02 विद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों को मौका मिलता है तो चंदा के होटल के जरूर जाते हैं। लगभग 52 सालों से होटल संचालित है। स्व चंद्राहास बरमैया के बाद उनके बेटे सुभाष बरमैया, ओमकार बरमैया, सुशील बरमैया होटल का संचालन कर रहे हैं। वहीं समोसे बनाने में परिवार की महिला सदस्य भी साथ देती है। आलू पकाने से मसाले तक सभी तैयारी घर की महिलाएं करती हैं। जिसमें स्वच्छता का ध्यान भी रखाजाता है। यहां के समोसे के मसाले के बेहतर होने के साथ गर्म-गर्म और कड़क सिखाई होने से लोग अधिक पंसद करते हैं। इसके साथ ही बाजार के में दाम और यहां के दाम में भी अंतर है। बजार में जहां समोसे के दाम 20 के दो है तो यहां 15 रुपए में दो दिए जा रहे हैं।